प्रदेश के राज्य सचिव संजय चौहान ने प्रदेश में हुई आपदा को लेकर केंद्र सरकार से राज्य को फौरी राहत के रूप में कम से कम 2000 करोड़ रुपए की राशि व अन्य संसाधन तुरन्त उपलब्ध करवाने की मांग की है।
प्रदेश के राज्य सचिव संजय चौहान ने प्रदेश में हुई आपदा को लेकर केंद्र सरकार से राज्य को फौरी राहत के रूप में कम से कम 2000 करोड़ रुपए की राशि व अन्य संसाधन तुरन्त उपलब्ध करवाने की मांग की है।
खबर खास, शिमला :
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की राज्य कमेटी प्रदेश में भारी वर्षा से जान माल को हुए भारी नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आपदा में जान गंवाने वालाों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है। यहां जारी एक विज्ञप्ति में प्रदेश के राज्य सचिव संजय चौहान ने प्रदेश में हुई आपदा को लेकर केंद्र सरकार से राज्य को फौरी राहत के रूप में कम से कम 2000 करोड़ रुपए की राशि व अन्य संसाधन तुरन्त उपलब्ध करवाने की मांग की है।
संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार के अनुसार अभी तक इसमें 69 लोगों ने अपनी जान गंवाई व 37 लोग अभी भी लापता हैं। इससे सरकार द्वारा किए अभी तक के प्राथमिक आंकलन के अनुसार करीब 700 करोड़ रुपए के नुकसान हुआ है। अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, परिवहन व बिजली जैसी मूलभूत सेवाएं बाधित है। वैसे तो पूरे ही प्रदेश में इस भारी वर्षा और बाढ़ से नुकसान हुआ है। परन्तु मण्डी, कुल्लू, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर व चंबा जिला में जान माल का भारी नुकसान हुआ है। अभी भी प्रदेश भर में सैकड़ों सड़के, पेयजल योजनाएं, बिजली के ट्रांसफार्मर, मोबाईल सेवा पूरी तरह से बन्द है जिससे लोगों को भारी असुविधा हो रही है।
उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश के काफी क्षेत्र ऐसे है जहां पर राहत कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। कई गांव में राशन की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। सड़कों के टूटने से लोग आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं से भी वंचित हो गए हैं। जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। कई क्षेत्रों में सब्जी व फलों का सीज़न चल रहा है जिससे किसानों व बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में भारी परेशानी हो रही है और ऐसी स्थिति में उनकी फसल सड़ने की कगार पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि सीपीआईएम की राज्य कमेटी केंद्र सरकार से मांग करती है कि इस प्रकार की जलवायु परिवर्तन से पैदा हो रही आपदाओं से भविष्य में निपटने व रोक के लिए वैज्ञानिक शोध करवा कर एक ठोस नीति का निर्धारण कर उसे जमीनी स्तर पर लागू करे ताकि भविष्य में प्रदेश में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। इसके अलावा सीपीआईएम ने राज्य सरकार इस आपदा से निपटने के लिए तुरन्त सर्वदलीय बैठक की पहल करने की भी मांग की है।
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November 09, 2024
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