कांग्रेस विधायकों ने भाजपा विधायक हंसराज के इस्तीफे की मांग को लेकर विस गेट विपक्ष ने पंचायत चुनाव में देरी को लेकर सदन में लाया काम रोको प्रस्ताव
कांग्रेस विधायकों ने भाजपा विधायक हंसराज के इस्तीफे की मांग को लेकर विस गेट विपक्ष ने पंचायत चुनाव में देरी को लेकर सदन में लाया काम रोको प्रस्ताव
खबर खास, शिमला :
हिमाचल विधानसभा के विंदर सत्र के पहले ही दिन ही सदन में राजनीति खूब गर्माई। सत्त और विपक्ष की ओर से सदन के भीतर और बाहर जमकर हंगामा काटा गया। सदन के भीतर जहां विपक्ष ने पंचायत चुनाव में देरी पर चर्चा के लिए सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया, वहीं, कांग्रेस विधायकों ने 'बेटी बचाओं, भाजपा भगाओ' नारे के साथ विधानसभा गेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान- कांग्रेस विधायकों ने विधायक हंसराज के इस्तीफे की मांग की।
राजस्व मंत्री जगत सिंह ने कहा कि भाजपा ने लॉ एंड ऑर्डर का मामला उठाया जबकि कानून व्यवस्था तो भाजपा विधायकों ने ही बिगाड़ रखी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के अनेक लोग यौन शोषण के आरोपों से घिरे हैं। भाजपा के अनेक पदाधिकारी यौन शोषण के आरोपों से घिरे हुए हैं। इसलिए कांग्रेस ने प्रदर्शन किाय और रेपिस्ट विधायक से इस्तीफे की मांग की। गौर रहे कि चंबा के चुराह से भाजपा विधायक हंसराज पर पोक्सो एक्ट पर मामला दर्ज है जबकि इसी मामले में मंडी से भाजपा के एक अन्य विधायक से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा बीते दिनों भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल के बड़े भाई रामकुमार बिंदल पर एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था जबकि भाजपा के ही पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप के पुत्र बृजेश्वर कश्यप पर भी यौन शोषण का आरोप लगे हैं। इसी के चलते कांग्रेस ने लॉ एंड ऑर्डर के आरोपों के जवाब में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इससे पूर्व विपक्ष ने पंचायत चुनाव पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया। जिस पर चर्चा के लिए सरकार तैयार हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि संविधान की सबसे बड़ी रक्षक कांग्रेस पार्टी है, महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में कांग्रेस ने आरक्षण का प्रावधान किया। सरकार कानून के अनुसार सरकार कार्य कर रही है।
सीएम ने कहा- कानून का यदि सही मायने में कोई संरक्षक है तो वह कांग्रेस पार्टी ही है। जो भी पंचायत चुनाव के संबंध में कार्य हो रहा है तो वह कानून की परिधि में किया जा रहा है। कानून की परिभाषा को स्पष्ट करने का अधिकार न्यायालय के पास है और मामला कोर्ट में है। उन्होंने कहा- सरकार संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करे। पंचायत चुनाव समय पर होने चाहिए।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 1975 में इमरजेंसी लगाकर भी इसी तरह से चुनाव टाले गए थे। उन्होंने कहा कि डिजास्टर एक्ट लगाकर इसकी आड़ में चुनाव टाले जा रहे हैं। कोविड जैसा संकट होने के बावजूद भाजपा सरकार ने चुनाव करवाए। यह बहुत बड़ा संकट था। उससे बड़ा संकट आज की तिथि में नहीं है।
कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि लगभग तीन वर्ष का प्रदेश सरकार का कार्यकाल होने जा रहा है। जब-जब भी विधानसभा का सत्र शुरू होता है तो विपक्ष के लोग महत्वपूर्ण मुद्दों से हट जाते हैं। विधायकों ने जो प्रश्न लगाए थे, उन पर चर्चा होनी थी, जो नहीं हो पाई। किसी भी सरकार का कार्यक्षेत्र होता है कि किस प्रकार देश, काल और परिस्थितियों को देखते हुए फैसले लेने हैं। आज डिजास्टर एक्ट लागू है। इसे लागू होने को तो विपक्ष के लोग भी समझते हैं। इस तरह का प्रस्ताव समझ नहीं आता, पर इसके पीछे कोई राजनीति है।
शोकोद्गार से सदन की कार्यवाही शुरू
इससे पहले पांच दिसंबर तक चलने वाले सत्र की शुरुआत बिलासपुर सदर से पूर्व विधायक बाबू राम गौतम के शोकोद्गार के साथ हुई। सीएम सुक्खू ने कहा कि बाबू राम गौतम 1985 में हिमाचल विधानसभा पहुंचे। उन्होंने बाबू राम द्वारा किए गए काम को याद करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की।
गौर रहे कि तपोवन धर्मशाला में विंटर सेशन में कुल आठ सिटिंग होंगी। यह आज तक का सबसे लंबा विंटर सेशन बुलाया गया है। सत्र में कुल 744 सवाल पूछे गए। 28 नवंबर और 4 दिसंबर प्राइवेट मेंबर डे होंगे। इस दिन कोई भी सदस्य अपने क्षेत्र व प्रदेश से जुड़े मसले सदन में उठा सकेंगे।
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