अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों ने शिल्प और सरस मेले में जमकर की खरीददारी, घाटों पर चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उठाया लुफ्त राज्य स्तरीय प्रदर्शनी, मध्य प्रदेश व हरियाणा पैवेलियन से मिली इन राज्यों की संस्कृति की जानकारी
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों ने शिल्प और सरस मेले में जमकर की खरीददारी, घाटों पर चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उठाया लुफ्त राज्य स्तरीय प्रदर्शनी, मध्य प्रदेश व हरियाणा पैवेलियन से मिली इन राज्यों की संस्कृति की जानकारी
खबर खास, चंडीगढ़ :
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के कोने-कोने से यादगार लम्हों को आत्मसात करने के लिए लाखों पर्यटक ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे। इस महोत्सव में पर्यटकों ने उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के शिल्प मेले और डीआरडीए के सरस मेले में जमकर खरीददारी की है। इतना ही नहीं पर्यटकों ने ताऊ बलजीत की गोहाना जलेबी, राजस्थान का चुरमा तथा अन्य पकवानों का बड़े चाव से स्वाद भी चखा। पर्यटकों ने ब्रह्मसरोवर के घाटों पर चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया तथा जनसंपर्क विभाग की राज्यस्तरीय प्रदर्शनी, मध्य प्रदेश व हरियाणा पैवेलियन में इन राज्यों की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर भी मिला।
महोत्सव में पर्यटकों को सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं को देखने और जानने का सुनहरी अवसर मिला, वहीं हरियाणा और मध्य प्रदेश के पवेलियन में लुप्त हो रही संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिला।
ब्रह्मसरोवर के घाटों पर नजर आया देश की लोक संस्कृति का महाकुंभ
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के घाटों पर देश की लोक संस्कृति का महाकुंभ देखने को मिला। इस लोक संस्कृति के महाकुंभ में जम्मू कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, असम, राजस्थान, उत्तराखंड के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश के लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। यहां एक मंच पर देश के अलग-अलग राज्यों की लोक संस्कृति को देखना हर कोई अपना सौभाग्य मान रहा है। इन कलाकारों के नृत्य के साथ देखने वाला प्रत्येक व्यक्ति भी अपने-आपको को रोक नहीं पाता है और इन कलाकारों के साथ ही झूमने पर मजबूर हो जाता है।
लोक वाद्य यंत्र बीन ब्रह्मसरोवर के पवित्र जल में स्वर लहरियों से जागृत कर रही है नई तरंगे
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां चारों तरफ रौनक है, वहीं लोक कलाकार ब्रह्मसरोवर के किनारे अपने लोक वाद्य यंत्रों से पर्यटकों को लुभाने का काम कर रहे हैं। यह कलाकार वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों से सभी का दिल जीतने का काम कर रहे है। अहम पहलू यह है कि इस लोक वाद्य यंत्र बीन से निकलने वाली धुन ब्रह्मसरोवर के पवित्र जल में मधुर स्वर लहरियों से नई तरंगे जागृत करने का काम कर रही है और ब्रह्मसरोवर के जल में उठ रही यह तरंगे ऐसे लग रही है जैसे वो भी इस माहौल में रमकर नृत्य कर रही हो।पार्टी में शामिल बुजुर्ग कलाकार भी बीन बजा, तुम्बा और ढ़ोल बजा कर लोगों का ध्यान अपनी आकर्षित कर रहे है।
प्रसिद्ध अभिनेत्री पद्ममनी कोल्हापुरी के श्रीकृष्ण पर आधारित कार्यक्रम ने महोत्सव में भरा श्रीकृष्ण रस
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरी ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच से ब्रह्मसरोवर की फिजा में श्रीकृष्ण रस का रंग भर दिया। इस प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री ने श्रीकृष्ण पर आधारित नाट्य मंचन और गायन पर प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरी का मंच पर पहुंचे ही दर्शकों ने तालियां बजाकर अभिवादन किया। अहम पहलू यह है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों के पहले दिन फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरी ने अपनी प्रस्तुति दी।
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