हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों के दृष्टिगत 1 से 31 दिसंबर, 2025 तक यह अभियान चलाया जाएगा, ताकि राज्य के दुर्गम क्षेत्र के लोग भी इसमें भाग ले सकें।