सीजेआई बीआर गवई की पीठ ने कहा हिमाचल में पुष्पा स्टाइल में बहीं लकड़ियों को लेकर कहा कि प्रथम दृष्टया यूं प्रतीत हो रहा है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है।
सीजेआई बीआर गवई की पीठ ने कहा हिमाचल में पुष्पा स्टाइल में बहीं लकड़ियों को लेकर कहा कि प्रथम दृष्टया यूं प्रतीत हो रहा है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है।
खबर खास, शिमला/नई दिल्ली :
हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर में बाढ़ के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई की। सीजेआई बीआर गवई की पीठ ने कहा हिमाचल में पुष्पा स्टाइल में बहीं लकड़ियों को लेकर कहा कि प्रथम दृष्टया यूं प्रतीत हो रहा है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है।
अदालत ने कहा कि मीडिया में दिखाया गया है कि किस प्रकार लकड़ियां बहकर आईं थी जोकि एक गंभीर विषय है। अब इस मामले में हिमाचल सरकार को अगली सुनवाई में इसका जवाब देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने चारों राज्यों को नोटिस देकर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
गौर रहे कि हिमाचल के कुल्लू में 24 जून को बादल फटने से आई बाढ़ के चलते सैंकड़ों टन लकड़ियां बहकर पंडोह डैम पहुंची थीं। जिसके बाद सोशल मीडिया में इसकी तुलना पुष्पा स्टाइल में पेड़ों के अवैध कटान से जोड़कर वायरल करते हुए वन विभाग और सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए थे। इसके बाद आनन-फानन में वन विभाग ने जांच बिठाई। मगर जांच में क्लीन चिट दे दी गई।
प्रदेश में भारी बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से भारी नुकसान हो रहा है। प्रदेश में बड़े लैंडस्लाइड की 127 घटनाएं, बाढ़ की 95 और बादल फटने की 45 घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है। बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से 50 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 43 लोग लापता है। प्रदेश में 3690 करोड़ रुपए की निजी व सरकारी संपत्ति नष्ट हो चुकी है।
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