* कहा, जांच के लिए हाजिर होना पड़ेगा, सहयोग नहीं करेंगे तो जमानत होगी रद्द * मजीठिया की जमानत रद्द करने की पंजाब सरकार की याचिका भी की खारिज
* कहा, जांच के लिए हाजिर होना पड़ेगा, सहयोग नहीं करेंगे तो जमानत होगी रद्द * मजीठिया की जमानत रद्द करने की पंजाब सरकार की याचिका भी की खारिज
खबर खास, नई दिल्ली :
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। शुक्रवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं कि मजीठिया एसआईटी के बारे में मीडिया में कुछ नहीं बोल सकते। इसके अलावा वह एसआईटी के किसी भी सदस्य के बारे में भी मीडिया से बात नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यदि अदालत के निर्देशों की मजीठिया अवहेलना करेंगे तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। इस दौरान अदालत ने मजीठिया की जमानत रद्द करने की पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी है।
आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह अहम निर्देश जारी किए गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजीठिया एसआईटी के बारे में मीडिया से कुछ भी बोल नहीं सकते हैं। साथ ही एसआईटी के किसी भी सदस्य को लेकर भी मीडिया में कुछ नहीं बोलेंगे। सर्वोच्च अदालत ने यह भी निर्देश दिए कि जब भी एसआईटी जांच के लिए उन्हें बुलाएगी तो मजीठिया को हाजिर होना पड़ेगा। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यदि मजीठिया एसआईटी से सहयोग नहीं करेंगे तो
अदालत के पास उनकी ज़मानत रद करने के इलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा
गौर रहे कि पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया पर दिसंबर 2021 में ड्रग्स मामले में आरोप लगाए गए थे. जनवरी 2022 में उन्हें जेल भेज दिया गया था। अगस्त 2022 में उनको जमानत दे दी गई थी. उनके खिलाफ एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पंजाब में पूर्व में कांग्रेस की चरणजीत सिंह चन्नी नीत सरकार ने ड्रग्स रैकेट मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इतना ही नहीं उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला को पकड़े जाने के बाद इस मामले के तार बिक्रम मजीठिया से जुड़े। बर्खास्त डीएसपी ने मजीठिया पर ड्रग्स रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया था. भोला से पूछताछ के बाद अमृतसर की फार्मा कंपनी के बिट्टू औलख और जगदीश चहल को भी गिरफ्तार किया गया था। जगदीश चहल ने पूछताछ में मजीठिया पर हवाला के जरिए 70 लाख रुपयों के लेनदेन का आरोप लगाया था.
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