शिरोमणि अकाली दल यानि शिअद के नेता सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर में फायरिंग हुई है जिसमें वह बाल-बाल बच गए। बताया जा रहा है कि स्वर्ण मंदिर के गेट पर उनपर एक शख्स की ओर से फायरिंग की गई। लेकिन मौके पर मौजूद लोगों की सर्तकता के चलते बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
खबर खास, अमृतसर :
शिरोमणि अकाली दल यानि शिअद के नेता सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर में फायरिंग हुई है जिसमें वह बाल-बाल बच गए। बताया जा रहा है कि स्वर्ण मंदिर के गेट पर उनपर एक शख्स की ओर से फायरिंग की गई। लेकिन मौके पर मौजूद लोगों की सर्तकता के चलते बड़ा हादसा होते-होते टल गया। हमले के बाद आरोपी को धर दबोचा गया और उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से पिस्तौल बरामद की गई जिस से उसने फायरिंग की थी।
सुखबीर बादल पर हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौरा के तौर पर हुई है जो दल खालसा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। नारायण सिंह चौरा कल भी स्वर्ण मंदिर में आया था, जब सुखबीर बादल की सजा का पहला दिन था। इस तरह माना जा रहा है कि आरोपी कल से बादल पर हमला करने की फिराक में था। दरअसल सुखबीर बादल को श्री अकाल तख्त की ओर से स्वर्ण मंदिर के बाहर बतौर पहरेदार के रूप में खड़े रहने के अलावा कई अन्य तरह की धार्मिक सजाएं दी गईं थी जिसके बाद वह आज भी वहां अपनी सजा पूरी कर रहे थे। घटना के वक्त् वह व्हीलचेयर पर बैठे थे और गोली दीवार पर जाकर लगी।
गोल्डन टेंपल में फायरिंग की घटना को लेकर अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि हमलावर पकड़ लिया गया है और जांच से सब कुछ सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच से पता चलेगा कि क्या कोई गहरी साजिश थी. लेकिन सुखबीर सिंह बादल पुलिस की सतर्कता से बच गए. उन्होंने संगत से अपील करते हुए कहा कि हम सब गुरुसाहेब की धरती पर सेवा कर रहे हैं, गुरुसाहेब के बताये हुए मार्ग पर चले और शांति बरकरार रखिए। उन्होंने कहा कि जहां पुलिस को जरूरत है वहां पुलिस की जरूर मदद करें.
कौन है नारायण सिंह चौरा?
नारायण सिंह चौरा 1984 दल खालसा का सदस्य है और 1984 में पाकिस्तान गया था। वह कट्टरपंथी विचारधारा का है और खालिस्तान समर्थक बताया जा रहा है। उसपर आतंकियों की मदद के आरोप हैं और पंजाब की सबसे बड़ी जेल ब्रेक में उसका हाथ है। उसने तब बुड़ैल जेल में बंद पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारों को जेल ब्रेक कर छुड़ाया था और इस मामले में वह न सिर्फ जेलब्रेक का मास्टर माईंड था बल्कि वह पंजाब की जेल में सजा भी काट चुका है। तब उसने 94 फीट सुरंग खोदकर दिवंगत सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में दोषी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा समेत अन्य को फरार करवाया था। यह मूल रूप से पंजाब के माझा का रहने वाला है। और उसे तरनतारण अदालत ने पांच साल बाद 2018 में जमानत दी थी।
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