हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कृषि ट्रैक्टरों के सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) के प्रमाणीकरण का सर्टिफिकेट आज से हिसार के उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान से मिलना शुरू हो जायेगा जिससे उत्तर भारत में कृषि जगत से जुड़े निर्माताओं को सीधा लाभ मिलेगा।
इससे उत्तर भारत में कृषि जगत से जुड़े निर्माताओं को मिलेगा सीधा लाभ – मुख्यमंत्री
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कृषि ट्रैक्टरों के सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) के प्रमाणीकरण का सर्टिफिकेट आज से हिसार के उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान से मिलना शुरू हो जायेगा जिससे उत्तर भारत में कृषि जगत से जुड़े निर्माताओं को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री शनिवार को हिसार के उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान में एग्री इंडिया एग्जिबिशन, करनाल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कृषि दर्शन प्रदर्शनी का शुभारम्भ करने उपरांत किसानो और कृषि जगत से जुड़े अन्य लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान में आज से कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ भी होने जा रहा है जहाँ से छोटे और सीमांत किसानों के लिए रोटावेटर, सुपर सीडर, लैंड लेवेलर, हल, ट्राली जैसी कृषि मशीनरी को किराए पर लिया जा सकेगा ताकि किसान अपने खेत में उसका उपयोग कर पैदावार बढ़ा सके।
उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी हरियाणा सरकार के कृषि मशीनरीकरण अभियान को नई गति देने तथा किसानों को उन्नत कृषि की नई तकनीकों की जानकारी देने में सहायक सिद्ध होगी।
जय जवान-जय किसान स्लोगन का उल्लेख करते हुए सैनी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें एक और शब्द जोड़ते हुए कहा था जय जवान-जय किसान और जय विज्ञान। अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उसके अंदर एक अन्य शब्द जोड़ते हुए कहा है जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान- जय अनुसंधान। मुख़्यमंत्री ने कृषि यंत्र निर्माताओं से आग्रह करते हुए कहा कि किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कृषि में इस्तेमाल होने वाले कुछ ऐसे उपकरण विकसित करें जो उनके लिए किफायती हो। इसके लिए इनोवेशन की महत्ता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्य कृषि के इंजीनियर और मैन्युफैक्चरर्स मिलकर कर सकते हैं।
इसके साथ साथ, उन्होंने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि वे खेती में नई तकनीक, उन्नत बीजों, जैविक खेती को प्राथमिकता देते हुए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं। जिस प्रकार से पानी का लेवल नीचे जा रहा है इसे ध्यान में रखते हुए किसान जल संरक्षण पर भी ध्यान दें और ज्यादा से ज्यादा स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन की तरफ बढ़ने का काम करें। राज्य सरकार द्वारा ऐसी योजनाओं पर 70% से लेकर 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हरियाणा को समृद्ध, आधुनिक और प्रगतिशील राज्य बनाने में किसान भाइयों के अधिकतम योगदान को सुनिश्चित करना चाहती है। हमारा लक्ष्य हर किसान को समृद्ध करना है ताकि किसान पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बने और उसे उसकी मेहनत का पूरा फल मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वर्ष 2014 से पहले की कांग्रेस सरकार ने किसान की फसल के खराबे के लिए मात्र 1155 करोड़ रुपए जारी किए थे। इसके विपरीत, वर्तमान प्रदेश सरकार ने 2014 से लेकर के 2025 तक हरियाणा प्रदेश के किसानों को 13500 करोड़ रुपये फसल खराबे का मुआवजा के तौर पर देने का काम किया है ताकि किसान समृद्ध और मजबूत बने। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले केंद्र सरकार का कृषि बजट 25000 करोड रुपए था जो अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़कर 125000 करोड रुपए पहुँच गया है।
सैनी ने कहा कि किसानों की प्रगति और कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण अत्यंत आवश्यक है। किसानों की मेहनत और आधुनिक तकनीक से ही विकसित हरियाणा-विकसित भारत बनाने के लक्ष्य हो हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसान के बेटे हैं, इसलिए वे भलि-भांति समझते हैं कि किसान को आधुनिक मशीनों व तकनीकों की जरूरत है। इससे कृषि कार्य तो सरल होता ही है, वहीं उत्पादन लागत में भी कमी आती है।
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