प्रयागराज के कुंभ के मेला क्षेत्र में कई जगह हुई भगदड़ के बाद सैंकड़ों लोगों के मारे जाने के मामले में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दुख जताया है। इस घटना को लेकर यहां आयोजित धर्म संसद में योगी आदित्यनाथ का सीएम पद से त्यागपत्र का प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रयागराज के कुंभ क्षेत्र में अनेक स्थानों पर हुई भगदड़ की घटनाओं को छिपाए जाने पर नाराज शंकराचार्य
खबर खास, प्रयागराज (यूपी) :
प्रयागराज के कुंभ के मेला क्षेत्र में कई जगह हुई भगदड़ के बाद सैंकड़ों लोगों के मारे जाने के मामले में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दुख जताया है। इस घटना को लेकर यहां आयोजित धर्म संसद में योगी आदित्यनाथ का सीएम पद से त्यागपत्र का प्रस्ताव पारित किया गया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इस घटना को लेकर कहा कि पता चला है कि अमावस्या के दिन एक नहीं कई जगह पर भगदड़ मची और कई श्रद्धालू काल का ग्रास बने। उन्होंने कहा कि यह घटना दुखद और मर्माहत करने वाली है लेकिन उम्मीद है कि शासन प्रशासन घटना की सच्चाई सामने लाएगा और दोषी को दंडित किया जा सकेगा। इसके अलावा आगे कई दिनों तक चलने वाले वर्तमान कुंभ में कोई और दुर्घटना न हो पाए।
उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस कृत्य की निंदा का प्रस्ताव धर्म संसद में पारित किया जा रहा है जिसमें न सिर्फ उन्होंने मृतकों की संख्या को छिपाया बल्कि अफवाह कहकर मजाक भी उड़ाया। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि पूर्व में प्रधानमंत्री रहते दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री जब रेल मंत्री थे तब आंध्रप्रदेश में हुई रेल दुर्घटना पर उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया था। जबकि मुंबई 26/11 के आतंकी हमले के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने सिर्फ इसलिए त्यागपत्र दे दिया था कि उनहोंने उसी दिन दो-तीन बार कपड़े बदले थे।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अब सीएम आदित्यनाथ ने जिस तरह मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ का सच दिन भर देश की जनता और कुंभ में आए साधु-संतो-आचार्यों और संस्थाओं से बचकर रखा और बार-बार अफवाह से बचने की सलाह दी उस आचरण की धर्मसंसद निंदा करती है और भाजपा से मांग करती है कि ऐसे सीएम को तुरंत पद मुक्त कर किसी योग्य व्यक्ति को सीएम बनाा जाए और कुभ में आने वाले दिनों में सुव्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ हिंदू समाज को गांरटी दे कि अब यहां कोई दुर्घटना नहीं होने दी जाएगी।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि घटना के वक्त रात 9.11 बजे अपने ब्लू टिक योगी आदित्यनाथ एक्स प्लेटफार्म पर अमावस्या स्नान की शुभकामनाएं दे रहे थे। उसी रात एक से दो बजे के बीच घटना घटती है और जिसमें अब बताया जा रहा है कि 30 से अधिक लोग मारे गए हैं। सुबह चार बजे सोशल मीडिया और अखबारों में समाचार दिखाई दिए कि रात मेला में भगदड़ हुई है और 17 लोगों की मौत हो गई। जब स्पेशल मीडिया और अखबार यह कह रहे थे तब कैसे माना जाए कि मुख्यमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं थी?
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जब वह सुबह आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रहे थे तब सात बजकर सात मिनट पर योगी आदित्यनाथ का एक टवीट आया कि शान्तिपूर्ण स्नान हो रहा है, किसी भी अफवाह पर बिल्कुल ध्यान न दें। तब लगा कि भगदड़ की खबर अफ़वाह है। शंकराचार्य ने कहा कि फिर दस बजकर 20 मिनट पर आदित्यनाथ का बोलते हुए वीडियो आया जिसमे जिसमें उन्होंने कहा कि घटना हुई है, लोग घायल हैं, इलाज चल रहा है। पर उन्होंने तब भी किसी की मृत्यु की बात नहीं बतायी और उन पर भरोसा कर सभी सन्त-महन्त- आचार्य-श्रद्धालु स्नान-भोजनादि सम्पन्न करने लगे।
तथ्यों को छिपाकर वाहवाही लूटने के चक्कर में पड़ा नेता
शंकराचार्य ने कह कि कैसे माना जाए कि उन्हें तब तक किसी भी श्रद्धालु की मृत्यु का समाचार नहीं मिला था। अतः सिद्ध है कि उन्होंने देश-प्रदेश और कुम्भ में उपस्थित जनता-सन्तों से धोखा किया और तथ्य छिपाए रखा। जबकि शाम 7.54 मिनट पर उन्होंने एक्स पर अपने वीडियो से बेशर्मी दिखाते हुए स्वीकार किया कि मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में तथ्यों को छिपाकर वाहवाही लूटने के चक्कर में पड़ा नेता मानते हुए यह धर्मसदन उनसे अपने पद से त्यागपत्र की माँग करता है।
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