शंभू बॉर्डर और किसानों की मांगों को लेकर हाई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने 21 नवंबर काे अब तक की कार्रवाई और किसान संगठनों से हुई बैठक में बातचीत पर यह रिपोर्ट सौंपी है।
शंभू बॉर्डर और किसानों की मांगों को लेकर हाई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने 21 नवंबर काे अब तक की कार्रवाई और किसान संगठनों से हुई बैठक में बातचीत पर यह रिपोर्ट सौंपी है।
कमेटी ने 21 नवंबर 2024 को अब तक की कार्रवाई और किसान संगठनों से हुई बैठकों में हुई बातचीत पर सौंपी अंतरिम रिपोर्ट
खबर खास, चंडीगढ़ :
शंभू बॉर्डर और किसानों की मांगों को लेकर हाई पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने 21 नवंबर काे अब तक की कार्रवाई और किसान संगठनों से हुई बैठक में बातचीत पर यह रिपोर्ट सौंपी है।
सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 11 और 12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों और डीजीपी की बैठक बुलाई। बैठक में सुझाव दिया गया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर की अध्यक्षता वाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को बैठक के लिए बुलाया जाए। डल्लेवाल और पंढेर से अनुरोध किया गया कि वे बैठक के लिए अपनी सुविधाजनक तारीख और समय बताएं।लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
सरकार की ओर से कहा गया कि समिति ने उन्हें 18 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 3 बजे हरियाणा निवास, चंडीगढ़ में बैठक बुलाने का निमंत्रण भेजा। लेकिन दोनों प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के नेताओं ने समिति के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता व्यक्त की, बाद में समिति के अध्यक्ष को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के डल्लेवाल ने भाग लेने की अपनी इच्छा से अवगत कराया और प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसानों की एक सूची भी भेजी थी - लेकिन बैठक होने से कुछ घंटे पहले किसान यूनियन पीछे हट गई।
इसके बाद उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने उन्हें 4 नवंबर को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में निर्धारित बैठक के लिए फिर से निमंत्रण भेजा। 4 नवंबर को प्रदर्शनकारी किसानों के संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल बैठक के लिए आया। उन्होंने 13 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया और समिति से अनुरोध किया कि वह इन मांगों को लागू करने की आवश्यकता से माननीय सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराए। मांगों पर चर्चा की गई और समिति ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को उनकी मांगों की जांच/विश्लेषण करने और इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ध्यान में लाने का आश्वासन दिया।
गौर रहे कि शंभू बॉर्डर समिति के सदस्यों में जस्टिस नवाब सिंह, पूर्व जज, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट- अध्यक्ष बीएस संधू पूर्व डीजीपी, देवेंद्र शर्मा कृषि विश्लेषक, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन डॉ सुखपाल सिंह, कृषि सूचना विद और प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज, विशेष आमंत्रित सदस्य (जब भी उनकी जरूरत होगी)।
सूत्रों की मानें तो अब तक कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में नहीं सौंपी है। इसलिए किसान संगठन अब भी अपनी बात इस कमेटी के समक्ष रख सकते हैं।
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