युवाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध प्रत्येक ब्लॉक के विशिष्ट उत्पाद की पहचान कर उसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड इंडिया के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य
युवाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध प्रत्येक ब्लॉक के विशिष्ट उत्पाद की पहचान कर उसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड इंडिया के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने स्थानीय कौशल को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर बनें।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार युवाओं की उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है तथा मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया एवं एमएसएमई क्षेत्र के लिए विशेष सब्सिडी जैसी योजनाओं के माध्यम से उन्हें सहयोग प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं द्वारा स्वदेशी तकनीक के विकास से न केवल नए उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लक्ष्य की दिशा में भी सशक्त योगदान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री आज पंचकूला में आयोजित स्वदेशी महोत्सव-2025 का उद्घाटन करने उपरांत उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।
सैनी ने कहा कि वर्तमान स्टार्टअप युग में स्वदेशी की अवधारणा केवल पारंपरिक उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि तकनीक, सॉफ्टवेयर, रक्षा उपकरण एवं सेमीकंडक्टर जैसे आधुनिक क्षेत्रों में भी स्वदेशी को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में वर्तमान में 12 लाख से अधिक पंजीकृत एमएसएमई कार्यरत हैं, जो लगभग 65 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।
प्रत्येक ब्लॉक के विशिष्ट उत्पाद की पहचान कर उसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड इंडिया के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोकल मैन्युफैक्चरिंग को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। इसके अंतर्गत ‘पद्मा’ योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत हर ब्लॉक के विशिष्ट उत्पाद को पहचान दी जा रही है। अंबाला के वैज्ञानिक उपकरण, पानीपत के हैंडलूम तथा रेवाड़ी की पीतल कला को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड इंडिया के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार देने वाला युवा वर्ग तैयार करने के उद्देश्य से ‘हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति-2022’ लागू की गई है। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप हरियाणा आज देश में स्टार्टअप की संख्या के आधार पर सातवें स्थान पर है। वर्तमान में प्रदेश में 9,500 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु 2,000 करोड़ रुपये का फंड ऑफ फंड्स स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी भारत की स्वतंत्रता आंदोलन की मूल भावना रही है। महात्मा गांधी द्वारा स्वदेशी को स्वावलंबन का माध्यम बनाया गया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ स्वदेशी को नई दिशा मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और शीघ्र ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2030 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य तभी पूरा होगा, जब गांवों के कारीगर, स्वयं सहायता समूहों की बहनें और सूक्ष्म उद्यमी विकास यात्रा के सक्रिय भागीदार बनेंगे। उन्होंने कहा कि जब कोई महिला सिलाई, डेयरी या हस्तशिल्प का कार्य शुरू करती है, तो वह केवल आजीविका नहीं, बल्कि समाज का भविष्य गढ़ती है।
हरियाणा में अब तक 65 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों किया सशक्त
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में अब तक 65 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया गया है, जिनसे लाखों महिलाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने और प्लास्टिक-मुक्त भारत एवं कचरा-मुक्त हरियाणा के संकल्प को अपनाने का आह्वान किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वदेशी महोत्सव में लगाए गए स्वदेशी उत्पादों के स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने भारत माता मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा यज्ञ में आहुति डालकर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर पांच स्वदेशी वस्तुओं को धारण करने और पांच विदेशी वस्तुओं का त्याग करने का भी संकल्प लिया गया।
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