हरदीप मुंडियां ने दिए अधिकारियों को निर्देश बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी हुई शुरू, सूबे के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2167 पटवारी विशेष गिरदावरी के लिए तैनात हर बाढ़-पीड़ित को मुआवज़ा मिलना सुनिश्चित करेगी मान सरकार: मुंडियां
हरदीप मुंडियां ने दिए अधिकारियों को निर्देश बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी हुई शुरू, सूबे के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2167 पटवारी विशेष गिरदावरी के लिए तैनात हर बाढ़-पीड़ित को मुआवज़ा मिलना सुनिश्चित करेगी मान सरकार: मुंडियां
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब में आए भयानक बाढ़ के कारण हुए नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए सूबे भर में आज से विशेष गिरदावरी शुरू हो गई है। इस मद्देनज़र पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज सारे संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी कि वे इस प्रक्रिया को पारदर्शी, समयबद्ध और परिणाममुखी ढंग से संपूर्ण करें ताकि कोई भी प्रभावित परिवार बनता मुआवज़ा प्राप्त करने से वंचित न रहे।
मुंडियां ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशानुसार यह मुहिम जंगी स्तर पर शुरू की गई है, जिन्होंने भरोसा दिया है कि पंजाब के हर बाढ़ पीड़ित को 45 दिनों के अंदर मुआवज़ा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सारी प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और जवाबदेही के साथ संपूर्ण की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मुआवज़ा कोई अहसान नहीं है, बल्कि प्रभावित लोगों का बनता हक है।
राजस्व मंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिकारियों द्वारा किसी भी तरह की लापरवाही या जान-बूझ कर की गई देरी की सूरत में सख़्त अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने भरोसा दिया कि विशेष गिरदावरी की निष्पक्ष और कुशल प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए सूबा सरकार द्वारा रोजाना आधार पर पूरी प्रक्रिया की निजी तौर पर निगरानी की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री ने ग़ैर-प्रभावित क्षेत्रों के माल अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित गांवों में तैनात करने की भी हिदायत दी ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया समय पर मुकम्मल की जा सके।
मुंडियां ने बताया कि सूबे के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी करवाई जाने के लिए कुल 2167 पटवारियों को तैनात किया गया है। ज़िला स्तरीय तैनातियों मुताबिक अमृतसर में 196 पटवारी, बर्नाला में 115, बठिंडा में 21, फरीदकोट में 15, फाजिल्का में 110, फिरोजपुर में 113, गुरदासपुर में 343, होशियारपुर में 291, जालंधर में 84, कपूरथला में 149, लुधियाना में 60, मालेरकोटला में 7, मानसा में 95, मोगा में 29, पठानकोट में 88, पटियाला में 141, रूपनगर में 92, संगरूर में 107, एस.ए.एस. नगर में 15, श्री मुक्तसर साहिब में 25 और ज़िला तरनतारन में 71 पटवारी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विशेष गिरदावरी के लिए तैनात टीमें गांव-गांव जाएंगी, खेतों का निरीक्षण करेंगी और फसलों व घरों के नुकसान व पशुओं की मौत के बारे में रिपोर्ट तैयार करेंगी।
पंजाब सरकार की तरफ से सूबे के इतिहास में अब तक की सबसे ज़्यादा मुआवज़ा राशि देने के मुख्यमंत्री के ऐलान को दोहराते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस संबंधी किसानों और वसीनीकों को एक हफ्ते के अंदर- अंदर इतराज, यदि कोई है, उठाने का मौका दिया जाएगा ताकि सुधार के लिए बिना किसी देरी के कदम उठाए जा सकें। उन्होंने बताया कि किसानों को फसलों के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये, जिन परिवारों के घर ढह गए हैं उन्हें 1,20,000 रुपये और आंशिक रूप से नुकसान पहुंचे घरों को 40,000 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह पशुओं के नुकसान का भी प्रावधिक नियमों अनुसार मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें गाएं या भैंसों के लिए 37,500 रुपये और बकरियों के लिए 4,000 रुपये शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ संबंधी ताजा रिपोर्ट अनुसार पंजाब भर में लगभग 1,98,525 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें गुरदासपुर का (40,169 हेक्टेयर), पटियाला (17,690 हेक्टेयर), तरन तारन (12,828 हेक्टेयर), फाजिल्का (25,182 हेक्टेयर), फिरोजपुर (17,257 हेक्टेयर), कपूरथला (17,574 हेक्टेयर), संगरूर (6,560 हेक्टेयर), होशियारपुर (8,322 हेक्टेयर), अमृतसर (27,154 हेक्टेयर), जालंधर (4,800 हेक्टेयर), रूपनगर (1,135 हेक्टेयर), लुधियाना (189 हेक्टेयर), बठिंडा (586.79 हेक्टेयर), एस.ए.एस. नगर (2,000 हेक्टेयर), एस.बी.एस. नगर (188 हेक्टेयर), पठानकोट (2442 हेक्टेयर), मानसा (12,207.38 हेक्टेयर) और मोगा (2240 हेक्टेयर) क्षेत्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट अनुसार पिछले 24 घंटों के अंदर मोगा जिले में एक और मौत होने से सूबे भर में अब तक कुल 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
राजस्व मंत्री ने आगे कहा कि मान सरकार 45 दिनों के अंदर प्रभावित लोगों को मुआवजा राशि के चेक सौंपने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में पूरी फसल तबाह हो गई है, वहां तत्काल राहत प्रदान करने के लिए यह प्रक्रिया मात्र एक महीने में पूरी की जाएगी। इसके साथ ही घरों और पशुओं के नुकसान का मुआवजा 15 सितंबर से देना शुरू कर दिया जाएगा ताकि इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके।
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