हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व नीतियों का जमीनीस्तर पर क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को त्वरित लाभ मिले। नागरिकों के जीवन को सुगम व खुशहाल बनाना सरकार का दायित्व है, इसलिए सभी अधिकारी प्राथमिकताएं तय करते हुए जनता की परेशानियों व शिकायतों का समाधान करें।
सांसद, विधायक और प्रशासनिक सचिवों ने लिया हिस्सा
भ्रूण जांच करने वाले व करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए सुनिश्चित – सैनी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व नीतियों का जमीनीस्तर पर क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को त्वरित लाभ मिले। नागरिकों के जीवन को सुगम व खुशहाल बनाना सरकार का दायित्व है, इसलिए सभी अधिकारी प्राथमिकताएं तय करते हुए जनता की परेशानियों व शिकायतों का समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश यहां प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक की सह-अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने की।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए जिला उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए कि इस योजना के तहत लंबित लगभग 77,000 लाभार्थियों द्वारा किए गए आवेदनों की जियो टैगिंग का कार्य आगामी 15 दिनों में पूरा किया जाए, ताकि जल्द से जल्द इन लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए किस्त जारी की जा सके।
बैठक में बताया गया कि 1.80 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना 2.0 के तहत महाग्राम पंचायत में 50 वर्ग गज के भूखंड और सामान्य ग्राम पंचायत मे 100 वर्ग गज के भूखंड उपलब्ध कराए गए हैं। पहले चरण में 62 ग्राम पंचायतों (61 सामान्य ग्राम पंचायत व 1 महाग्राम पंचायत) मे ड्रा के माध्यम से 4533 परिवारों को भूखंड आवंटित कर दिया गया है। इन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मकान बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अगले चरण के लिए 1,000 पंचायतों को चिह्नित कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा की समीक्षा करते हुए कहा कि स्कूल ड्रॉप आउट पर अंकुश लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 6 से 18 वर्ष के बच्चों की ट्रैकिंग की जाए, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापरक शिक्षा मिले, यह सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अन्य सुविधाओं पर भी जोर दिया जाए। स्कूलों में सिविल कार्यों की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि 13 हजार कार्यों के विरूद्ध 9400 कार्य पूरे हो चुके हैं और अन्य कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा, 1381 स्कूलों में कौशल के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं, जिनमें 1 लाख 95 हजार छात्र व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 1074 स्कूलों में 2238 कौशल प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं।
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