एमएसएमई इकाई को वित्तीय सहायता के वितरण में हुई देरी को लेकर हुई कार्रवाई
एमएसएमई इकाई को वित्तीय सहायता के वितरण में हुई देरी को लेकर हुई कार्रवाई
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एमएसएमई विभाग के डी.ओ.-कम-सीनियर अकाउंट ऑफिसर पर 5 हजार रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना लगाया है।आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग ने फरीदाबाद की एक एम.एस.एम.ई. इकाई को वित्तीय सहायता के वितरण में हुई अत्यधिक देरी को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर कड़ी टिप्पणी की है और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि यह मामला 24 दिसंबर 2024 को जिला कार्यालय में दाखिल हुआ था, परंतु आयोग द्वारा 20 मई 2025 को नोटिस जारी किए जाने के बाद ही इसमें त्वरित कार्रवाई संभव हो सकी और 30 मई 2025 को राशि का वितरण हो पाया।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह मामला केवल वितरण से संबंधित नहीं था, बल्कि इसमें अनुमोदन, स्वीकृति और वितरण तीनों चरण शामिल थे, जिनकी कुल समय-सीमा 66 कार्य दिवस निर्धारित है। इसके बावजूद 2 लाख रुपये की मामूली सहायता राशि के वितरण में लगभग पाँच माह का समय लग गया, जो किसी भी एम.एस.एम.ई. इकाई के लिए आर्थिक रूप से हानिकारक है।
आयोग ने इस प्रक्रिया में राजपत्र अधिसूचना की खुली अवहेलना, प्रशिक्षण की कमी तथा मुख्यालय एवं जिला स्तर पर दिशा-निर्देशों के अभाव को चिह्नित किया है। आयोग ने एस.जी.आर.ए. और एफ.जी.आर.ए. की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों द्वारा अधिसूचना के विपरीत कार्य करने को 'अवैध' करार दिया है और संबंधित अधिकारियों को ऐसा करने से रोका है।
आयोग ने एस.जी.आर.ए. के रूप में कार्य कर रहे अधिकारी द्वारा अपीलों के निस्तारण में दी गई ‘अस्पष्ट टिप्पणियों’ को भी कानून के उल्लंघन की श्रेणी में माना है और उन्हें चेतावनी जारी की है। साथ ही, फरीदाबाद के एम.एस.एम.ई. विभाग के संयुक्त निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जबकि डी.ओ.-कम-सीनियर अकाउंट ऑफिसर पर 5 हजार रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना लगाया गया है, जिसे उनकी जुलाई माह के वेतन से काटकर राज्य कोष में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यालय के सहायक को इस बार चेतावनी देते हुए भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है। आयोग ने उनके नाम को भविष्य की निगरानी हेतु अपने डाटाबेस में दर्ज किया है।
इसके साथ ही, आयोग ने एम.एस.एम.ई. महानिदेशक को सभी जिलों एवं मुख्यालय के अधिकारियों हेतु प्रशिक्षण-सह-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, एक मानक चेकलिस्ट तैयार करने तथा 30 जुलाई 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने यह भी कहा है कि वह हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम एवं ऑटो अपील प्रणाली पर प्रशिक्षण हेतु अपना प्रतिनिधि भेजने को तैयार है।
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