मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभागों या संस्थाओं की ’चल रही परियोजनाओं एवं मध्यस्थता मामलों’ की व्यापक समीक्षा करें। साथ ही, विभागों को अधूरी अथवा लंबित परियोजनाओं का विवरण निर्धारित प्रपत्र में भेजने को कहा गया है, जिसमें ’वित्तीय प्रभाव, विलंब के कारण, जवाबदेही तथा शीघ्र पूर्णता के लिए उपाय’ स्पष्ट रूप से दर्शाए जाएँ।