गुरुघर का आशीर्वाद लेकर पंजाब की प्रगति, खुशहाली और चढ़दी कला के लिए अरदास की
गुरुघर का आशीर्वाद लेकर पंजाब की प्रगति, खुशहाली और चढ़दी कला के लिए अरदास की
खबर खास, अमृतसर :
पहले पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक होकर अकाल पुरख के आगे राज्य में अमन-शांति, विकास और खुशहाली के लिए अरदास की।
पावन स्थान पर मत्था टेकने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं युगों-युगों तक अटल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे श्रद्धा और आदर के साथ सिर झुकाकर अरदास की कि सरकार का हर कदम पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाने और यहां के लोगों की भलाई के लिए समर्पित हो।”
सभी पंजाबियों को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द, अमन-शांति और भाईचारे की डोर को और मजबूत होने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि केवल सिख ही नहीं, बल्कि हर पंजाबी इस पवित्र स्थान पर आकर महान गुरु साहिबानों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करता है।
उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व के अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गुरु घर में नतमस्तक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब से श्रद्धालुओं का एक जत्था पहले पातशाह के प्रकाश पर्व समारोहों में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के ननकाना साहिब के दर्शन करने गया हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबवासियों ने उनकी सरकार को राज्य की सेवा करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और वे अकाल पुरख की कृपा प्राप्त करने के लिए इस पावन स्थल पर नतमस्तक हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें इस स्थान पर परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें राज्य की जनता की सेवा मिशनरी भावना से करने के लिए नया उत्साह और जोश मिला है।
करतारपुर लांघा (कॉरिडोर) खोले जाने के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को करतारपुर लांघा खोल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगत की भावनाओं का सम्मान करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस लांघे को खोलने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए, ताकि श्रद्धालु श्री गुरु नानक देव जी के चरण-स्पर्श से पवित्र उस स्थान के दर्शन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत से करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जाने वाली संगत मात्र चार घंटों में वापस लौट आती है, इसलिए इसे बंद रखने का कोई तर्क नहीं बनता। उन्होंने कहा कि जब सिख संगत का जत्था पाकिस्तान जा चुका है, तो करतारपुर लांघा खोलने में भी अब कोई देरी नहीं होनी चाहिए।
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