4.54 लाख से अधिक मामलों का निपटारा; 665 करोड़ रुपये के अवार्ड पारित जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, होशियारपुर ने 16 साल पुराने भूमि विवाद का किया निपटारा
4.54 लाख से अधिक मामलों का निपटारा; 665 करोड़ रुपये के अवार्ड पारित जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, होशियारपुर ने 16 साल पुराने भूमि विवाद का किया निपटारा
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण द्वारा आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी चेयरमैन न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा के नेतृत्व में प्रदेश भर में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के मार्गदर्शन में आयोजित इस पहल का उद्देश्य विवादों का शीघ्र, कम खर्च में और मैत्रीपूर्ण तरीके से निपटारा करना है, ताकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39-ए के अनुरूप न्याय तक पहुंच को सुदृढ़ किया जा सके।
लोक अदालत में वादकारी, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता तथा सहयोगी भागीदारों ने भाग लिया। इस दौरान सिविल, वैवाहिक, संपत्ति, मोटर दुर्घटना दावा, बैंकिंग, बीमा सहित विभिन्न प्रकार के मामलों का आपसी सहमति से निपटारा किया गया। लोक अदालत ने वादकारियों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ न्यायालयों में लंबित मामलों के बोझ को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रदेश के सभी जिलों और उप-मंडलों में कुल 429 लोक अदालत बेंचों का गठन किया गया, जिनमें 5,11,015 मामलों की सुनवाई हुई। इनमें से 4,54,466 मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया गया तथा 665 करोड़ रुपये के अवार्ड पारित किए गए।
राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से प्रदेश भर के हजारों वादकारियों को कम समय में अपने विवादों का समाधान प्राप्त हुआ। इस दौरान एक दशक से अधिक पुराने विवादों सहित कई लंबित मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिससे न्यायालयों पर मामलों का बोझ काफी हद तक कम हुआ। बैंकिंग संस्थानों, बीमा कंपनियों, सरकारी विभागों और आम जनता की ओर से लोक अदालतों को भरपूर सहयोग मिला, जो लोक अदालतों में लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, होशियारपुर ने भूमि विभाजन से संबंधित 16 वर्ष पुराने सिविल अपील का सफलतापूर्वक निपटारा किया। यह मामला वर्ष 2009 में दायर हुआ था और प्रारंभिक एवं अंतिम डिक्री सहित कई चरणों से गुजर चुका था। लोक अदालत के पूर्व निरंतर प्रयासों के माध्यम से इसे आपसी सहमति से सुलझाया गया। समझौते के अनुसार पक्षकारों ने धनराशि के लेन-देन के माध्यम से विवादित भूमि के एक हिस्से पर स्वामित्व अधिकार छोड़ने पर सहमति व्यक्त की, जिससे लंबे समय से चले आ रहे विवाद का अंत हुआ और पक्षकारों के बीच सद्भाव बहाल हुआ। अंततः इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अपील का निपटारा कर दिया गया।
इस अवसर पर पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी चेयरमैन ने प्रदेश भर के न्यायिक अधिकारियों, जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरणों और स्वयंसेवकों के समर्पित प्रयासों की सराहना की, जिनकी सामूहिक प्रतिबद्धता से यह मेगा कार्यक्रम सफल हो सका।
पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, सभी जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरणों, राज्य न्यायपालिका, बार सदस्यों, पुलिस अधिकारियों तथा सिविल प्रशासन का उनके सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद किया।
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