राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी स्पीच के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे।
खबर खास, नई दिल्ली :
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी स्पीच के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल परिवार को मजबूत करने के लिए किया गया।' इसी का जवाब देते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाब में कहा कि संविधान जलाने वाले नेहरू को गाली दे रहे।
खड़गे ने कहा कि जो लोग झंडे से नफरत करते हैं, जो लोग हमारे अशोक चक्र से नफरत करते हैं, जो लोग संविधान से नफरत करते हैं। ये आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं। जब ये संविधान बना, इन लोगों ने रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर का पुतला लगाकर संविधान को जलाया है। ये लोग अब नेहरू जी, इंदिरा जी और पूरे परिवार को गाली देते हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की स्पीच सुनी। कहते हैं हमारी बातें जुमले वाली हैं। अरे सबसे बड़े झूठे तो आप हो। आपका 15 लाख रुपए देने का वादा क्या हुआ। मैंने तो झूठ बोलना बंद कर दिया। आपकी बात मानकर लेकिन ये जुमले वाले झूठ बोलकर देश को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम म्यूनिसिपॉलिटी स्कूल में पढ़े हैं, वे जेएनयू में पढ़े हैं। उनकी इंग्लिश अच्छी हो सकती है। लेकिन संविधान हमने भी थोड़ा बहुत पढ़ा है।
खड़गे ने कहा कि शाह जी के पास बहुत बड़ी वॉशिंग मशीन है। उसमें आदमी जाता है क्लीन होकर आता है। हमारे कई नेता उधर गए, जीवन भर हमारे साथ रहे। अब हमें ही सुनाते हैं। उन्होंने कहा कि 70 सालों में जो हुआ, उसी की वजह से आप डॉक्टर, इंजीनियर बने। मोदी पीएम बने, मैं लेबर का बेटा नेता प्रतिपक्ष बना। आप खुद को तीस मारखां मत समझिए। ये नेहरू जी की देन है।
उन्होंने कहा कि 'हमसे कहते हैं इमरजेंसी में क्या किया। नेहरू ने क्या किया। सर मोदी साहब का एक घंटा 50 मिनट का भाषण हुआ। निर्मला जी का भी घंटो भाषण रहा। पीएम या तो अतीत में रहते हैं, बेहतर होता वो बता देते कि 11 साल में ऐसा कौन सा काम किया है हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ। अगर लैंड रिफॉर्म नहीं आता, नरेगा नहीं आता तो आज गरीब मरता। कोविड में आश्रय मनरेगा से मिला। आप भाषण तो करते हो, उससे निकलता कुछ नहीं है।'
खड़गे ने कहा- जब कई शक्तिशाली देशों में सभी एडल्ट को वोट देने का अधिकार नहीं था, महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था, उस समय भारत ने सभी को मताधिकार दिया, महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। यह कांग्रेस, संविधान द्वारा दिया गया था। आरएसएस, जनसंघ ने इसका विरोध किया था।
खड़गे ने भाषण के अंत में राहत इंदौरी की शायरी पढ़ी
'जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो
अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम जिसे भी चाहे हराम कर दो जिसे भी चाहे हलाल कर दो...।'
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