पांच वर्षों में नशा मुक्त भारत अभियान बना जागरूकता और सामाजिक भागीदारी का जन आंदोलन
युवा देश की सबसे बड़ी शक्ति, नशे से दूर रखकर रचनात्मक कार्यों में लगाना ही राष्ट्र की प्रगति का मंत्र
मुख्यमंत्री की अपील, माता-पिता बच्चों को समय दें, उनका मार्गदर्शन करें ताकि बच्चे रास्ता न भटकें
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है, जिसमें युवाओं, महिलाओं, बच्चों, शिक्षण संस्थानों, स्वयंसेवी संगठनों, संत-महात्माओं और सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। जब युवा शक्ति नशे की गिरफ्त से मुक्त होगी, तब भारत को निश्चित तौर पर विकसित राष्ट्र बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में नशा मुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पांच वर्ष पहले 15 अगस्त, 2020 को भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 'नशा मुक्त भारत अभियान' की शुरुआत की गई थी। इस अभियान का उद्देश्य देश को एक स्वस्थ, समृद्ध और उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करना तथा लोगों को नशे के विरुद्ध जागरूक और एकजुट करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा को भी नशा मुक्त करने का संकल्प लिया है, जिसके तहत पिछले दिनों साइक्लोथॉन का भी आयोजन किया गया, जिसमें लाखों की संख्या में युवाओं ने भाग लिया और नशे से दूर रहने का संकल्प लिया। नशा मुक्त भारत अभियान ने नशे के खिलाफ एक व्यापक जन-आंदोलन खड़ा किया है। इस आंदोलन से युवा, महिलाएं, बच्चे, शिक्षण संस्थाएं और स्वयंसेवी संस्थाएं जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में संत-महात्मा और खाप पंचायतें भी अपना सहयोग व समर्थन दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के लिए हमें युवाओं को नशे से दूर रखकर उन्हें रचनात्मक कार्य में लगाना होगा। इस अभियान को शुरू करने का मूल उद्देश्य भी यही है। इस अभियान ने पिछले पांच वर्षों में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने व समाज को नशे की बुरी आदतों से मुक्त करने की प्रेरणादायक यात्रा तय की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ कानून बनाती है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देती है। नशे पर पूर्ण रोकथाम लगाने के लिए सरकार ने पंचकूला में 7 राज्यों के साथ मिलकर एक अंतरराज्यीय सचिवालय स्थापित किया है। इस सचिवालय में राज्यों के प्रतिनिधि आपसी समन्वय स्थापित कर नशे पर रोकथाम लगाने के लिए सूचनाओं को सांझा करते हैं। लेकिन समाज से नशे को मुक्त करने का कार्य केवल कानून से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए जन-जागरण, सामाजिक भागीदारी और विशेषकर युवा शक्ति की आवश्यकता है। हमारी सरकार हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के लिए कृत संकल्पित है।
सैनी ने कहा कि नशा केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को खोखला करता है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि युवा पीढ़ी को मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करें। जिन युवाओं को नशे की लत लग गई है, उनसे दूरी बनाने की बजाये उन्हें नशा छोड़ने के लिए सहयोग दें और प्रेरित करें। इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी समाज व अभिभावक और माता-पिता की है। यह बहुत आवश्यक है कि माता-पिता अपने बच्चों को समय दें और उनकी बात सुनें। उन्हें सही मार्गदर्शन दें ताकि वे रास्ता न भटकें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थितजनों को नशा न करने और दूसरों का नशा छुड़वाने की शपथ दिलवाई।
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