कहा, चुनाव के दौरान विधायक मंत्रीपद व विभाग लेने जाते हैं दिल्ली, मैं आज तक पद मांगने कभी नहीं गया दिल्ली बोले-जब मुख्य मंत्री तय हो रहा था तब भी मैं अंबाला कैंट में ही था
कहा, चुनाव के दौरान विधायक मंत्रीपद व विभाग लेने जाते हैं दिल्ली, मैं आज तक पद मांगने कभी नहीं गया दिल्ली बोले-जब मुख्य मंत्री तय हो रहा था तब भी मैं अंबाला कैंट में ही था
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘मैंने आजतक कोई इच्छा नहीं रखी और आजतक मैंने कुछ मांगा भी नही है। जब भी चुनाव होते हैं तो सारे विधायक दिल्ली जाते हैं, मैं आजतक कभी इस तरह दिल्ली नहीं गया। कोई मंत्रीपद लेने के लिए जाते है तो कोई विभाग लेने के लिए जाते है। परंतु मैं आजतक कभी नहीं गया। जब मुख्यमंत्री का तय हो रहा होता है तब भी मैं अंबाला कैण्ट में था’’। विज ने यह बात आज कैथल में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के उपरांत मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कही।
उन्होंने कहा कि ‘‘जब मीडिया के कुछ बंधूओं ने आकर पूछा कि सारे लोग दिल्ली गए हुए हैं क्योंकि मैं 2014 में सीनियरमोस्ट था और अब भी सीनियरमोस्ट हूं लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं चाहा। क्योंकि मैं जिस पार्टी का सदस्य हूं उस पार्टी ने यही सिखाया है कि ‘डोंट डिजायर बट डिजर्व इट’। जब हम बच्चे थे ये उस पार्टी में सिखाया गया है, हमारे दिमाग में तब से छप गया था अब वो मिटाया नहीं जा सकता और हम उसी नीति पर चल रहे हैं’’।
बिहार चुनाव के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘बिहार की जागरूक जनता ने जंगलराज को जड से उखाड कर फेंक दिया है और कटटा राज का भी बिहार की जनता ने जवाब दे दिया है। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकास की जीत है। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, जो आज की राजनीति के चाणक्य है, उनकी नीति से यह नतीजा है। ये नीतिश कुमार की साफ छवि, उनके काम का नतीजा है। उन्होंने कहा कि ये सब पूरे हिन्दूस्तान को अपने ध्यान में रखना चाहिए’’।
‘‘मैंने हर मामले पर इंसाफ देने की कोशिश की’’- विज
कैथल में आयोजित कष्ट निवारण समिति के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने हर मामले पर इंसाफ देने की कोशिश की है, क्योंकि सरकार ने कष्ट निवारण समितियां बनाई हुई है और इन समितियों की बैठक में मामले रखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक में एजेंडा के अनुसार शिकायतों को रखा जाता है। इसके अलावा, अन्य शिकायतों के प्रार्थना पत्र उनके द्वारा लिए जाते हैं और जिला प्रशासन को निर्देश दिए जाते हैं कि अमुक शिकायतकर्ता की शिाकायत पर कार्यवाही संबंधित विभाग को भेजकर कर दी जाए और शिकायतकर्ता को सूचित किया जाए।
सीबीआई की जांच के लिए हत्या का एक मामला सरकार को भेजा जाएगा- विज
कष्ट निवारण समिति की बैठक में आई शिकायतों के बारे में उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव तक बात की गई है और बताया कि एक हत्या के मामले में पुलिस जांच नहीं कर पाई है यह मृत्यु कैसे हुई है। इस हत्या के पीछे परिवार वालों ने 5 से 6 लोगों के नाम भी दिए हैं कि ये लोग इस हत्या में शामिल हो सकते है, और इन लोगों से भी पुलिस सच नहीं निकलवा सकी है। जबकि एक व्यक्ति इनमें से विदेश भाग गया क्योंकि हो सकता है कि उसको सारी बात मालूम हो। पुलिस ने उसको भी लाने की कोशिश की है और उसके सम्मन जारी किए है परंतु पुलिस इसमें कुछ भी परिणामस्वरूप नहीं कर पा रही है, तो मैंने सोचा है कि इस मामले को अब सीबीआई को देना बनता है इसलिए सीबीआई को भेजने हेतू इस मामले को सरकार को भेजा जा रहा है।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
Comments 0