* कहा, नशे के खिलाफ लड़ाई को समाज के सभी वर्गों को मिलकर बनाना होगा
सफल
* सरकार का लक्ष्य नशा मुक्त, स्वस्थ और सशक्त हरियाणा बनाना - मुख्यमंत्री
* यह साइकिल यात्रा नशे से लड़ने, जागरूकता लाने और एकता के साथ समाज से
नशे के खात्मा करने के संकल्प का प्रतीक - सैनी
* मुख्यमंत्री की अपील, युवा अपने जीवन में नशे के लिए न कहने का साहस दिखाएं
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नशा मुक्त हरियाणा संकल्प के साथ चल रही राज्य स्तरीय साइक्लोथॉन 2.0 को जींद से झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई को खाप पंचायतों, युवाओं, महिलाओं, शिक्षकों और समाज के सभी वर्गों को मिलकर सफल बनाना होगा। हमारा लक्ष्य नशा मुक्त, स्वस्थ और सशक्त हरियाणा बनाना है। यह साइकिल यात्रा नशे से लड़ने, जागरूकता लाने और एकता के साथ समाज से नशे के खात्मा करने के संकल्प का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें हमारे सामाजिक ताने-बाने का प्राचीन काल से ही अभिन्न अंग रही हैं। हरियाणा में प्रदेश की गणधर्मी परम्परा, खाप और सर्वखाप पंचायतों के रूप में विद्यमान रही है। इतिहास साक्षी है कि हरियाणा की इस पंचायत परम्परा ने कई बार विदेशी शक्तियों से लोहा लिया। कई बड़े फैसले खापों ने लिए हैं। आज, हम नशे जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, तब खापों ने इस साइक्लोथॉन में भाग लेकर यह सिद्ध कर दिया है कि खाप पंचायतें न केवल परंपरा की संरक्षक हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की अग्रदूत भी हैं। खापों ने पहले भी समाज को संदेश दिया है कि जो नशे को बढ़ावा देगा, उसका सामाजिक बहिष्कार होगा और जो नशा छोड़ेगा, उसका स्वागत होगा। इस साइक्लोथॉन को खापों ने समर्थन दिया है और इनके सहयोग से निश्चित तौर पर हरियाणा नशा मुक्त होकर रहेगा।
उन्होंने कहा कि गत 5 अप्रैल को हिसार से शुरू हुई साइकिल रैली विभिन्न जिलों से होती हुई जींद पहुंच चुकी है। आज यह बरवाला के लिए रवाना होगी। बरवाला फतेहाबाद होते हुए 27 अप्रैल को सिरसा में इसका समापन होगा।
सैनी ने कहा कि नशा व मादक पदार्थों की तस्करी पूरे मानव समाज के लिए चुनौती बन चुके है। नशीले पदार्थों की तस्करी के काले कारोबार से जो धन मिलता है, वह संसार में आतंकवाद को बढावा दे रहा है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी। उन्हें भी नशीले पदार्थों की तस्करी से ही पैसा मिलता है। नशे के खिलाफ अभियान से कहीं न कहीं आतंकवाद पर भी रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि यह साइक्लोथॉन सिर्फ एक साइकिल यात्रा नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ एक आंदोलन है, एक जन-जागरण का संकल्प है। आज हमारे युवा, हमारी खाप पंचायतें, बुजुर्ग और माताएं सभी एकजुट होकर 'नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो' का संदेश दे रहे हैं, तो अवश्य ही समाज में बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले ऐसी ही रैली वर्ष 2023 में पूरे प्रदेश में निकाली गई थी। साइक्लोथॉन 25 दिनों तक चली थी। उसमें 1 लाख 77 हजार 200 साइकिलिस्ट जुड़े और 5 लाख 25 हजार 800 अन्य लोगों ने भी भागीदारी की थी। उसकी सफलता को देखते हुए इस साइक्लोथॉन 2.0 का आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपने जीवन में नशे के लिए न कहने का साहस दिखाएं। अगर आप किसी को नशे की गिरफ्त में देखें, तो उससे दूरी बनाने के बजाय उसे सहयोग दें, उसे सही रास्ते पर लाने का प्रयास करें। सामाजिक बदलाव की शुरुआत घर से होती है। हम सब मिलकर अपने-अपने घरों से शुरुआत करें।
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