किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को किया संबोधित
किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को किया संबोधित
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि आज सरकार ने भावान्तर भरपाई योजना के तहत 380 करोड़ रूपये बाजरा उत्पादक किसानों के लिए जारी किये हैं। किसानों की समृद्धि के बिना प्रदेश में खुशहाली नहीं आ सकती। इसलिए किसान हित सरकार के लिए सर्वोपरि हैं। वे आज अपने सरकारी आवास संत कबीर कुटीर में किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसान को बिजाई से लेकर कटाई तक के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है। यदि प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान होता है तो मुआवजे व फसल बीमा का प्रावधान है। कटाई के बाद फसल के दाने-दाने की खरीद की व्यवस्था की गई है और भुगतान सीधा किसान के खाते में डाला जाता है।
मुख्यमंत्री ने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे प्रदेश के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई के प्रति प्रेरित करें , इससे जहां पानी की बचत होगी वहीं फसल पर किसान की लागत में भी कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि आज किसानों की सभी 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। अब तक 12 लाख किसानों के खातों में फसल खरीद के 1 लाख 64 हजार करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि आपदा के समय किसानों के साथ सरकार खड़ी रहती है। पिछले 11 सालों में किसानों को फसल खराबे के मुआवजे के रूप में 15 हजार 728 करोड़ रुपये दिये हैं।
फसलों की खरीद को सुविधाजनक बनाने हेतु “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर किसान को अपनी फसल बेचने के साथ-साथ खाद, बीज, ऋण और कृषि उपकरणों के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता भी घर बैठे मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बताया कि खरीफ सीजन-2025 की फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए 53 हजार 821 किसानों को 116 करोड़ 51 लाख रुपये से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में जारी की गई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म कर दिया है। यही नहीं किसानों की तरफ पिछले आबियाने का 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपये बकाया माफ किया गया। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि हमारी सरकार ने गन्ने का भाव बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल तक किया है, जो कि देश में सर्वाधिक है।
सैनी ने किसानों के हित में लिए गए अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि फसलों की ऑनलाइन बिक्री के लिए प्रदेश की 108 मंडियों को ई -नाम (E-NAM) पोर्टल से जोड़ा गया। पिंजौर में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी शुरू की गई है। हरियाणा ऑप्रेशनल पायलट परियोजना के अन्तर्गत राज्य में अब तक 1 लाख 54 हजार 985 एकड़ भूमि का सुधार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती योजना के तहत 31,873 एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए 19,723 किसानों का सत्यापन किया जा चुका है। इस योजना के अन्तर्गत 2500 किसानों को 4 ड्रम प्रति किसान की दर से 75 लाख रुपये, 523 देसी गाय की खरीद के लिए 1 करोड़ 30 लाख रुपये अनुदान राशि सीधा किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र लघु और सीमांत किसान परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक दर से 20 लाख 18 हजार किसानों के खातों में 7233 करोड़ रुपये डाले गये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 33 लाख 51 हजार से अधिक किसानों को 9127 करोड़ रुपये बीमा क्लेम के रूप में दिए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि हाल ही में, किसानों की पैक्सों की तरफ बकाया अतिदेय ऋण की समस्या के समाधान के लिए 'एकमुश्त निपटान योजना' शुरू की गई। इस योजना के तहत प्रदेश के 6 लाख 81 हजार 182 किसानों और गरीब मजदूरों का 2 हजार 266 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया है। इसके अलावा , 'एकमुश्त निपटान योजना' के तहत 4 लाख 10 हजार किसानों का 1314 करोड़ रुपये का ब्याज व जुर्माना माफ किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बायोगैस प्लांट पर 9800 रुपये से लेकर 22,750 रुपये प्रति प्लांट अनुदान दिया जाता है। अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को बायोगैस प्लांट पर 17,000 रुपये से लेकर 29,250 रुपये प्रति प्लांट अनुदान दिया जाता है। अनुसूचित जाति के किसानों को बैटरी चालित स्प्रे पम्प पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। सोलर पम्प लगाने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि बैंकों से किसानों के लेनदेन पर लगने वाली स्टाम्प फीस 2000 रुपये से घटाकर 100 रुपये की गई है। उन्होंने बताया कि सब्जियों व फलों के लिए भावांतर भरपाई योजना में 21 बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य निर्धारित किए तथा 30 हजार से अधिक किसानों को 136 करोड़ 66 लाख रुपये का भावांतर दिया गया है। खरीफ सीजन-2021 से बाजरे की उपज को भी 'भावांतर भरपाई योजना' में शामिल किया गया। अब तक किसानों को बाजरा भावांतर के रूप में 1600 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की "प्रत्येक बूँद से अधिक पैदावार" (Per Drop-More Crop) लेने की अवधारणा के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों पर हरियाणा सरकार द्वारा 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है ताकि जल संरक्षण हो सके। उन्होंने बताया कि कम पानी से अधिकतम सिंचाई के लिए 'भूमिगत पाइप लाइन स्कीम' के तहत किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़, अधिकतम 60,000 रुपये प्रति किसान अनुदान राशि दी जा रही है।
इसी प्रकार , 'फव्वारा संयंत्र प्रणाली' के तहत किसानों को 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। 'हर खेत को पानी' के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए जलमार्गों की संशोधित नीति-2021 लागू की गई है। मिकाडा द्वारा 1144 जल मार्गों की पहचान पुनर्वास के लिए की गई है, जिसमें से 357 जलमार्गों का कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि चालू वित वर्ष में उपरोक्त कार्य के लिए 200 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान है। साथ ही 20 साल से अधिक पुराने रजवाहों को भी दोबारा पक्का किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों से प्रदेश सरकार की किसान हितैषी योजनाओ को प्रत्येक किसान तक पहुंचाने की अपील की ताकि किसान उनका फायदा उठाकर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकें।
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