यह निर्णय विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी के दृष्टिगत लिया गया है। इससे लंबे समय से प्रदेशभर में गुणात्मक स्वास्थ्य देखभाल सेवायें प्रदान करने पर प्रभाव पड़ रहा है और आधुनिक मशीनों तथा अन्य उपकरणों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित श्रम शक्ति की आवश्यकता है।