डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह पहल चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी, जिसकी शुरुआत पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे उच्च घनत्व और उच्च लेनदेन वाले जिलों से होगी।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह पहल चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी, जिसकी शुरुआत पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे उच्च घनत्व और उच्च लेनदेन वाले जिलों से होगी।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार पासपोर्ट सेवा केंद्रों के मॉडल पर राज्य भर के सभी पंजीकरण कार्यालयों का पुनर्गठन करके उनका आधुनिकीकरण करेगी। यह पहल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की नागरिकों के लिए संपत्ति लेनदेन को आसान बनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने यह बात राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कही। डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह पहल चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी, जिसकी शुरुआत पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे उच्च घनत्व और उच्च लेनदेन वाले जिलों से होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह परिवर्तन केवल बुनियादी ढांचे में सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा वितरण को मजबूत करने, पारदर्शिता को बढ़ावा देने और राजस्व प्रशासन के भीतर जवाबदेही बढ़ाने की व्यापक योजना का हिस्सा है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस नए मॉडल में ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रतीक्षा क्षेत्र, वास्तविक समय डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम और समर्पित हेल्प डेस्क जैसी नागरिक-केंद्रित विशेषताएं शामिल होंगी। नागरिकों की सहायता के लिए स्थानीय भाषाओं में संकेत और सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। पंजीकरण गतिविधियों के दौरान धीमी सर्वर प्रतिक्रिया की लगातार समस्याओं के समाधान के लिए, विशेष रूप से उप-मंडल और तहसील स्तर पर, डॉ. मिश्रा ने 2 पेटाबाइट्स प्रत्येक की भंडारण क्षमता वाले दो राज्य-स्तरीय राजस्व डेटा केंद्रों की स्थापना के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अगले 10 दिनों के भीतर इसके लिए निविदाएं जारी करने के भी निर्देश दिए।
हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग परियोजना की समीक्षा करते हुए डॉ. मिश्रा ने अधिकारियों को अगस्त के अंत तक सभी जिलों में ततिमा अद्यतनीकरण का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य सटीक भूमि सीमांकन तथा तीव्र एवं विवाद-मुक्त पंजीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। ये कदम डिजिटल शासन को बढ़ावा देने, नागरिक सेवाओं में सुधार लाने और भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी संपत्ति पंजीकरण प्रणाली सुनिश्चित करने के राज्य के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक 22 जिलों के 440 पायलट गांवों में से 418 (95 प्रतिशत) ने सफलतापूर्वक अपना ततिमा अद्यतनीकरण पूरा कर लिया है। यह भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण में एक बड़ा कदम है तथा 8 मई 2025 को बताए गए 380 गांवों की तुलना में एक मजबूत वृद्धि है, जिसमें एक महीने से कुछ अधिक समय में 38 गांवों का जुड़ना दर्शाया गया है। कई जिलों ने अपने आवंटित पायलट गांवों का 100 प्रतिशत ततिमा अद्यतनीकरण हासिल कर लिया है। इनमें चरखी दादरी, फ़रीदाबाद, फ़तेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा और सोनीपत शामिल हैं। गुरुग्राम ने भी प्रगति दिखाई, जहां 11 नए गांवों में 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप संसाधित अभिलेखों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, 25 जून तक कुल 3,53,680 ततिमा अभिलेख पूरे हो चुके हैं, जो 8 मई से 23,005 अभिलेखों की वृद्धि को दर्शाता है।
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