गीता पूरे विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। गीता सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ऐसा ग्रंथ है जिसके माध्यम से मानव जीवन से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का समाधान निहित है।
गीता पूरे विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। गीता सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ऐसा ग्रंथ है जिसके माध्यम से मानव जीवन से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का समाधान निहित है।
गीता भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत:आरिफ मोहम्मद खान
केयू में तीन दिवसीय नौवीं अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन का हुआ शुभारंभ
खबर खास, चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र :
गीता पूरे विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। गीता सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ऐसा ग्रंथ है जिसके माध्यम से मानव जीवन से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का समाधान निहित है।
ये उदगार हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने केयू तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में ऑडिटोरियम हॉल में श्रीमद्भगवद् गीता आधारित संतुलित प्रकृति-शुद्ध पर्यावरण’ विषय पर आयोजित 9वें तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अभिव्यक्त किए।
इससे पहले राज्यपाल एवं अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन का उद्घाटन किया गया व गीता सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया।
राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार गीता के संदेश का निर्वहन करते हुए 2035 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 6000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हरियाणा सरकार भी सौर ऊर्जा के माध्यम से कार्बन के उत्सर्जन पर नियंत्रण कर पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि अपनी सामाजिक समस्याओं के निवारण के लिए गीता का पाठ अवश्य करें।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि गीता भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत है। यह सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ग्रंथ है। इसमें भारतीय एकता एवं अखंडता का स्वरूप दिखाई देता है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में गीता का महत्वपूर्ण योगदान है। आवश्यकता है गीता के पर्यावरण संरक्षण संदेश को पूरे विश्व तक पहुंचाने की। गीता उपनिषदों, वैदिक ग्रंथों का सार है।
सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि गीता सम्पूर्ण मानवता के जीवन दर्शन का सार है। उन्होंने कहा कि धर्म और ज्ञान की भूमि कुरुक्षेत्र आकर पूर्णता की अनुभूति हो रही है।
हरियाणा सरकार द्वारा 18 दिन तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से पूरे विश्व को पता लगेगा की गीता में लिखा क्या है। जीवन में उत्कंठा, विडम्बना, असमंजस से गीता का ज्ञान हमें सही दिशा में लेकर जाता है। गीता धार्मिक, नैतिक ग्रंथ है जो हमें सभी जिज्ञासाओं, अंदर से मजबूती, संकट के समय सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्व को जागृत करने का कार्य किया है तथा गीता को पूरे विश्व की धरोहर बताया है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि देवस्वरूपा गीता में पर्यावरण का वैश्विक संदेश निहित है। कुरुक्षेत्र की पावन भूमि गीता के उपदेश व संदेश की जन्म स्थली है। संतुलन हर क्षेत्र में आवश्यक है। गीता में प्रत्येक समस्या का समाधान है। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में तंजानिया, जांजीबार की यूथ एवं कल्चरल मिनिस्टर टीएम माविता ने कहा कि भारत और तंजानिया के शिक्षा एवं कृषि क्षेत्र में गहरे संबंध है। कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। तंजानिया तथा भारत के बीच इस तरह के आयोजनों से आपसी संबंध मजबूत होंगे जिससे संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य, व्यापार, शिक्षा, शोध व अन्य क्षेत्रों में लाभ होगा।
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठक व प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ सतीश कुमार ने कहा कि विश्व में गीता के पर्यावरण संरक्षण सिद्धांत को लागू करने की आवश्यकता है। आईएचएम, तिरूचरापल्ली के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने कहा कि भगवद्गीता को हमें अपने पास रखना चाहिए। गीता में 18 अध्याय व 700 श्लोक हैं। हमें अनावश्यक विकार को हटाना चाहिए।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024आप ने पंजाब के लोगों का जताया आभार, पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया जीत का श्रेय
November 24, 2024
Comments 0