हरियाणा के पूर्व सीएम और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का गुरुग्राम में अपने निवास स्थान पर निधन हो गया है। वह 89 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। जिसके बाद वहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
हरियाणा के पूर्व सीएम और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का गुरुग्राम में अपने निवास स्थान पर निधन हो गया है। वह 89 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। जिसके बाद वहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
खबर खास, गुरुग्राम/चंडीगढ़ :
हरियाणा के पूर्व सीएम और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का गुरुग्राम में अपने निवास स्थान पर निधन हो गया है। वह 89 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। जिसके बाद वहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
चौटाला पूर्व उपमुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल की पांच संतानों में सबसे बड़े थे। वह पांच बार हरियाणा के सीएम रहे। चौटाला 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर तिहाड़ में बंद थे, वहीं उन्होंने 82 साल की उम्र में 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की थी। उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला लाया जाएगा और अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार भी उनके गांव में ही किया जाएगा।
ओपी चौटाला की चुनावी राजनीति 1968 में शुरू हुई और उन्होंने अपना पहला चुनाव देवीलाल की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से लड़ा। लेकिन यह चुनाव चौटाला पूर्व सीएम राव बीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी से लालचंद खोड़ से हार गए। लेकिन इस चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चौटाला हाईकोर्ट पहुंचे और एक साल के बाद अदालत ने लालचंद की सदस्यता रद्द कर दी। उसके बाद 1970 में हुए उपुचनाव में चौटाला ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने।
साल 1987 के विधानसभा चुनाव में लोकदल को 90 सीटों में से 60 पर जीत मिली। ओपी चौटाला के पिता देवीलाल दूसरी बार सीएम बने। दो साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र में जनता दल की सरकार बन गई। जिसमें वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। देवीलाल भी इस सरकार का हिस्सा बने और उन्हें उपप्रधानमंत्री बनाया गया। अगले दिन दिल्ली में लोकदल के विधायकों की बैठक हुई। जिसमें ओपी चौटाला को सीएम के लिए चुन लिया गया।
साल 1999-2000 में हरियाणा के 18 जिले में टीचर भर्ती घोटाला सामने आया। यहां मनमाने तरीके से 3206 जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचरों की भर्ती की गई थी। उस समय के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार ने इसे उजागर किया। उन्होंने घोटाले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट के आदेश पर
2003 में सीबीआई ने घोटाले की जांच शुरू की।
जांच के बाद जनवरी, 2004 में सीबीआई ने सीएम ओमप्रकाश चौटाला, उनके विधायक बेटे अजय चौटाला, सीएम के ओएसडी विद्याधर, सीएम के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बड़शामी समेत 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जनवरी, 2013 में दिल्ली में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को आईपीसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत 10 साल की सजा सुनाई।
चौटाला इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन कोर्ट ने उनकी 2018 में केंद्र सरकार की विशेष माफी योजना के तहत ओमप्रकाश चौटाला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें नियम था कि 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के जिन कैदियों ने अपनी आधी सजा काट ली है, उन्हें रिहा किया जाएगा। उनकी आधी से ज्यादा सजा पूरी हो चुकी थी और उम्र भी करीब 83 साल थी। ऐसे में उनकी सजा पूरी होने से कुछ समय पहले 2 जुलाई, 2021 को रिहा कर दिया गया।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024
Comments 0