भिवानी जिले में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने हेतु सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के निर्देशानुसार विभिन्न गांवों में बहुपरियोजनात्मक कार्य शुरू किए गए हैं।
भिवानी जिले में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने हेतु सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के निर्देशानुसार विभिन्न गांवों में बहुपरियोजनात्मक कार्य शुरू किए गए हैं।
सिंचाई विभाग द्वारा भिवानी जिले के विभिन्न गाँवों में किए जा रहे बहुपरियोजनात्मक कार्य
खबर खास, चंडीगढ़ :
भिवानी जिले में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने हेतु सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के निर्देशानुसार विभिन्न गांवों में बहुपरियोजनात्मक कार्य शुरू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि गांव बापोड़ा और डिनोद में जलभराव से राहत दिलाने के लिए विशेष डिवॉटरिंग योजनाएं बनाई गई हैं, जिनके तहत गांव की आबादी क्षेत्र में भरने वाले पानी को पास की ड्रेनों में डाला जाएगा। इससे न केवल जलभराव की समस्या समाप्त होगी बल्कि जो किसान इन ड्रेनों के सहारे खेती करते हैं उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी उपलब्ध होगा।
गांव बापोड़ा, रामूपुरा, बलियाली, ढांघ कलां, और ढांघ खुर्द में खेतों में खड़े पानी की समस्या को हल करने के लिए सोलर वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम की शुरुआत की जा रही है, जिससे जमीन की ऊपरी परत पर जमा पानी को ड्रेनों में प्रवाहित कर भूमि को कृषि योग्य बनाया जा सकेगा। रामूपुरा में खेतों के जलभराव को दूर करने हेतु पाइपलाइन के माध्यम से ड्रेनों में पानी डाला जा रहा है, जिसका कार्य शुरू हो गया है। इसके अलावा बापोड़ा से राजपुरा-खरखड़ी-सुई लिंक रोड के साथ लगती ड्रेन पर क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं ताकि सड़क पर चलने वाले वाहन ड्रेन में न गिरें और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
इसी प्रकार, गांव प्रेमनगर और मंधाना में ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर कार्यवाही करते हुए प्रेमनगर ड्रेन और सिवरा तालु लिंक ड्रेन पर पंप हाउस का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। यह पंप हाउस बारिश के समय जलनिकासी को तेज गति से सुनिश्चित करेंगे। जिले की प्रमुख ड्रेन्स जैसे भिवानी घग्गर ड्रेन और मिताथल-घुसकानी लिंक ड्रेन पर बरसाती सीज़न में चोकिंग की समस्या को देखते हुए पुराने पाइप एक्वाडक्ट को हटाकर खुले एक्वाडक्ट (Open Aqueduct) बनाए जा रहे हैं ताकि पानी के प्रवाह में कोई अवरोध न हो।
इसके साथ ही इन प्रमुख ड्रेनों पर पंप हाउस भी बनाए जा रहे हैं जिससे वर्षा जल को मोटर पंपों की सहायता से शीघ्र निकाला जा सके। इसके अतिरिक्त, गांव डिनोद में स्थित बाबा धूनी वाला मंदिर के पास स्थित दुलासर जोहड़ की सुंदरता और क्षमता बढ़ाने के लिए उसे जलाशय/झील के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह योजना न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा देगी बल्कि पर्यावरणीय और धार्मिक दृष्टि से भी लाभदायक होगी।
इन सभी योजनाओं को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश विभाग को दे दिए गए हैं ताकि ग्रामीणों को जल्द से जल्द जलभराव से मुक्ति मिले और किसानों को खेती के लिए पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
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November 09, 2024
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