भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि आईआईटी मंडी ने स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के तहत विकास अध्ययन कार्यक्रम में एम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। दो साल का यह विशेष पाठ्यक्रम छात्रों को हिमालयी क्षेत्र से जुड़े अवसरों और चुनौतियों की गहरी समझ देगा, जिसमें सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुसंधान और फील्ड वर्क को भी शामिल किया गया है।
आवेदन मांगे, 11 अप्रैल शाम साढ़े पांच बजे तक कर सकते हैं अप्लाई
खबर खास, चंडीगढ़ :
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि आईआईटी मंडी ने स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के तहत विकास अध्ययन कार्यक्रम में एम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। दो साल का यह विशेष पाठ्यक्रम छात्रों को हिमालयी क्षेत्र से जुड़े अवसरों और चुनौतियों की गहरी समझ देगा, जिसमें सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुसंधान और फील्ड वर्क को भी शामिल किया गया है।
80-क्रेडिट पाठ्यक्रम स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास, स्थिरता और सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, चयनित छात्र एमए+पीएचडी ड्यूल डिग्री का विकल्प भी चुन सकते हैं, जो उन्हें इस विषय में शोध कार्य को और अधिक गहराई से करने में सक्षम बनाएगा। खास बात यह है कि आईआईटी मंडी का स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज न केवल शैक्षणिक शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि कमांद क्षेत्र में स्थानीय समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित करता है।
इस बारे में स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के अध्यक्ष डॉ. सूर्य प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि "एमए इन डेवलपमेंट स्टडीज एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसे हिमालयी क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए डिजाइन किया गया है। यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम छात्रों को इस क्षेत्र पर शोध करने और विकास से जुड़े व्यावहारिक कार्य करने का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, पाठ्यक्रम एमए+पीएचडी ड्यूल डिग्री का विकल्प भी देता है, जिससे छात्र सीधे उन्नत शोध में
प्रवेश कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी में एमए डेवलपमेंट स्टडीज का उद्देश्य ऐसे विकास विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की एक नई पीढ़ी तैयार करना है, जो सूचित निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।"
यह है पात्रता
इसके अध्ययन के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्था से स्नातक की डिग्री के साथ-साथ सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम 55% अंक या 10 में से 6.0 सीजीपीए आवश्यक। वहीं, एससी/एसटी/ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर)/पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को 50% अंक या 5.5 सीजीपीए की छूट दी गई है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और लिखित परीक्षा या साक्षात्कार से इसमें छात्र का चयन किया जाएगा। चयनित उम्मीदवारों की सूची संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
दो साल के इस कोर्स में प्रति सेमेस्टर औसतन 30 हजार रुपए शूल्क होगा। 11 अप्रैल को शाम पांच बजे तक आवेदन किया जा सकता है। 15 अप्रैल को उम्मीदारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और 21 से 25 अप्रैल तक संभावित ऑनलाइन लिखित परीक्षा होगी जबकि 26 से 29 अप्रैल को ऑनलाइन साक्षात्कार हो सकता है।
गौर रहे कि आईआईटी मंत्री भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से स्थापित आठ नए आईआईटी में एक है। संस्थान ने अब तक 120 करोड़ से अधिक मूल्य की 275 से अधिक शोध परियोजनाओं में भाग लिया है। संस्थान ने लगभग 11 अंतरराष्ट्रीय और 12 राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं।
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