देवी-देवताओं के साथ देवलुओं व अन्य लोगों ने लिया भाग
देवी-देवताओं के साथ देवलुओं व अन्य लोगों ने लिया भाग
खबर खास, कुल्लू :
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के चौथे दिन रविवार को भगवान रघुनाथ जी के अस्थाई शिविर स्थित राजा की चानणी से भगवान नरसिंह की तीसरी जलेब बड़े शाही अंदाज में निकली। जलेब के माध्यम से भगवान नरसिंह ने ढालपुर की परिक्रमा कर रक्षासूत्र बांधा।
ढालपुर स्थित राजा की चनणी से क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, कालेज गेट,फूड कोर्ट होते हुए करीब साढ़े पांच बजे जलेब वापिस ढालपुर स्थित चनणी पहुंची। इस दौरान देवी-देवता व देवलु और अन्य लोग वाद्ययंत्रों की थाप पर झूमते हुए जलेब के साथ साथ आगे बढ़े।जलेब में भगवान रघुनाथजी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार हुए और पालकी के आसपास गड़सा घाटी के देवी-देवता चले।
नरसिंह भगवान की तीसरी जलेब में गड़सा घाटी के चमन ऋषि नजां,गौतम ऋषि मनिहार, जमदग्नि ऋषि शीश, व जमदग्नि ऋषि उडसू ,भृगु ऋषि आशनी,देवता लक्ष्मी नारायण चेष्टा, जमलू ऋषि हवाई शियाह ने शिरकत की। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव से एक दिन पूर्व तक जलेब का यह सिलसिला रोजाना जारी रहेगा। लिहाजा, सदियों से चली आ रही इस परंपरा का आज भी अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में बखूबी निर्वहन हो रहा है और सैकड़ों लोग इसके साक्षी बन रहे हैं।
भगवान नृसिंह की निकलती है जलेब
यह जलेब भगवान नृसिंह की मानी जाती है और राजा नृसिंह का प्रतिनिधि होने के नाते नृसिंह के रूप में इस पालकी में भगवान रघुनाथजी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह हर साल विराजमान होते हैं।राजा की चनणी से लेकर रथ मैदान होते हुए यह जलेब ढोल नगाड़ों की थाप पर परिक्रमा पर निकले देवी देवता व लोग नाचते गाते हुए वापिस चनणी पहुंचते हैं।
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