सविधान व सवैधानिक संस्थाओं का पालन व रक्षा करना हम सबका कर्तव्य 25 जून, 1975 को लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर आपातकाल लागू कर संविधान की आत्मा की कर दी गई थी हत्या आपातकाल केवल सत्ता में बने रहने की निजी महत्वाकांक्षा