कहा हरियाणा सरकार ने ट्यूबवेल बिजली बिलों का भुगतान दिसंबर 2025 तक किया स्थगित, 7.10 लाख किसानों को राहत - मुख्यमंत्री
फसली ऋण वसूली भी स्थगित, रबी फसल के लिए ऋण भी होगा उपलब्ध – 3 लाख किसान होंगे लाभान्वित
बाढ़ स्थिति से प्रभावित 2,386 परिवारों को 4.72 करोड़ रुपये का मुआवजा खातों में स्थानांतरित
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5.37 लाख किसानों ने कराया पंजीकरण, 15000 प्रति एकड़ तक जल्द मिलेगा मुआवजा
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश में ट्यूबवेल कनेक्शनों के बिजली बिलों का भुगतान दिसंबर 2025 तक स्थगित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2025 तक देय बिल अब जनवरी 2026 से बिना अतिरिक्त शुल्क अदा किए जा सकेंगे, जिससे 7.10 लाख किसानों को तुरंत राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और विधायक रणधीर पनिहार भी मौजूद रहे।
सैनी ने फसली ऋण की वसूली स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि जिन गांवों में बाढ़ से 50 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है और वहां के ऋणी किसानों का फसल खराबा 33 प्रतिशत या उससे अधिक हुआ है, उन किसानों से सहकारी समितियों के खरीफ सीजन के चालू फसली ऋण की वसूली स्थगित की जाती है। ऐसे किसानों को रबी सीजन की फसल हेतु नया फसली ऋण भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इस निर्णय से लगभग 3 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाल की भारी वर्षा और बाढ़ जैसे स्थिति से प्रदेश के कई जिलों में हुए नुकसान के लिए घरों, घरेलू सामान और पशुओं की हानि पर प्रभावित 2,386 परिवारों को कुल 4 करोड़ 72 लाख 6 हजार रुपये की राशि सीधे खातों में स्थानांतरित की। इसमें 2,371 मकानों के नुकसान पर 4 करोड़ 67 लाख 75 हजार रुपये और 13 पशुओं की हानि पर 4 लाख 21 हजार रुपये की राशि शामिल है। उन्होंने कहा कि हाल की भारी वर्षा और बाढ़ से प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। फसल, पशु और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार हर कदम पर प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला था। इस पर प्रदेश के 6,397 गांवों के 5 लाख 37 हजार किसानों ने 31 लाख एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण कराया है। सत्यापन कार्य प्रगति पर है और जिन क्षेत्रों में पानी से फसलें खराब हुई हैं, वहां प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।
धान की 3.58 लाख मीट्रिक टन खरीद पूरी, 109 करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुंचे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 सितंबर तक धान की 5 लाख मीट्रिक टन आवक हुई है, जिसमें से 3.58 लाख मीट्रिक टन की खरीद पूरी हो चुकी है। किसानों के खातों में अब तक 109 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
बाजरे का MSP 2,775 रुपये प्रति क्विंटल सुनिश्चित, सरकार करेगी भरपाई
इसी तरह, 187.30 मीट्रिक टन बाजरा खरीद संस्थाओं द्वारा तथा 4,970 मीट्रिक टन व्यापारियों द्वारा खरीदा गया है। किसानों को 2,775 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य की खरीद संस्थाओं द्वारा जिस भाव से बाजरा खरीदा जा रहा है, उससे शेष की भरपाई सरकार करेगी। यदि किसी किसान का बाजरा किसी कारण खराब होने की वजह से व्यापारियों द्वारा कम मूल्य पर खरीदा जाता है, तो उस स्थिति में भी सरकार किसानों को उस दिन की निर्धारित भावांतर दर की राशि का भुगतान किया जायेगा।
‘लाडो लक्ष्मी ऐप’ पर 6 दिन में 1.71 लाख बेटियों का पंजीकरण, 1 नवम्बर से मिलेगी पहली किस्त
मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर लॉन्च की गई ‘लाडो लक्ष्मी ऐप’ पर पिछले 6 दिनों में 1 लाख 71 हजार 946 बहन-बेटियों ने पंजीकरण कराया है। उन्होंने सभी पात्र महिलाओं से शीघ्र पंजीकरण कराने का आग्रह किया ताकि 1 नवंबर से पहली किस्त उनके खातों में स्थानांतरित की जा सके। उन्होंने बताया कि इसके लिए टोल-फ्री नंबर 18001802231 और हेल्पलाइन नंबर 01724880500 भी जारी किए गए हैं।
महिलाओं के हितों की आड़ में राजनीति कर रही है कांग्रेस – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस महिलाओं के हितों की बात केवल राजनीति चमकाने के लिए करती है, जबकि वास्तविकता में राज्यों में उनकी सरकारें महिलाओं को कोई लाभ नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपने संकल्प पत्र में किए वादे के अनुरूप महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने हेतु पहले बजट में 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और अब 1 नवंबर से यह योजना लाभार्थियों तक पहुंच जाएगी।
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