हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग तैयार करते समय केवल कानून की भाषा ही नहीं, बल्कि समाज की भावनाओं, ज़रूरतों और संभावनाओं पर भी विचार करना आवश्यक है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग तैयार करते समय केवल कानून की भाषा ही नहीं, बल्कि समाज की भावनाओं, ज़रूरतों और संभावनाओं पर भी विचार करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने 36वें अंतर्राष्ट्रीय विधायी ड्राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को किया संबोधित
कार्यक्रम में 13 देशों के प्रतिनिधियों ने किया भाग
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग तैयार करते समय केवल कानून की भाषा ही नहीं, बल्कि समाज की भावनाओं, ज़रूरतों और संभावनाओं पर भी विचार करना आवश्यक है। सैनी बुधवार को हरियाणा विधानसभा में 16 अप्रैल से 21 अप्रैल, 2025 तक आयोजित किए जा रहे 36वें अंतर्राष्ट्रीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक अच्छा विधायी ड्राफ्ट न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि समाज को प्रगति की दिशा में भी ले जाता है। इसलिए विधायी प्रक्रियाओं में स्पष्टता, समानता और नागरिक भागीदारी को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि नीति निर्माण और कानून निर्माण की प्रक्रिया समावेशी और सशक्त हो। ई-गवर्नेंस के माध्यम से राज्य ने प्रशासन में पारदर्शिता लाई है तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब विधायी प्रक्रिया को और अधिक आधुनिक, समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में लगातार अग्रसर हैं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस पहल में 13 देशों के कुल 28 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री हरविंदर कल्याण भी उपस्थित थे।
सैनी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत को अपनी विधायी प्रणाली पर बहुत गर्व है, जिसने सामाजिक न्याय, समावेशिता और पारदर्शिता में निरंतर मिसाल पेश की है। विधायी ड्राफ्टिंग केवल एक तकनीकी कार्य नहीं, यह एक दूरदर्शी प्रक्रिया है जो सामाजिक परिवर्तन की भावना को मूर्त रूप देती है, संवैधानिक मूल्यों को कायम रखती है और लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने कहा कि हमारे विधायी ड्राफ्टिंग एवं अनुसंधान संस्थान का आदर्श वाक्य है ‘प्रारूपण ज्ञानम अभ्यासेन शोभते’ अर्थात् सही ड्राफ्टिंग के लिए निरंतर अभ्यास और ज्ञान जरूरी है। आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इसी अवधारणा पर आधारित है।
हरियाणा ने डिजिटल विधायिका स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा ने इस दिशा में सदैव पहल की है। पारदर्शी और उत्तरदायी विधायी प्रणाली के निर्माण के लिए हमने विभिन्न तकनीकी और संरचनात्मक बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा ने डिजिटल विधायिका की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इससे विधायकों की कार्य क्षमता में वृद्धि हुई है और आम जनता तक सूचनाओं की पहुंच भी आसान हुई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम आपसी समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
विधान ड्राफ्टिंग में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल एक औपचारिक अभ्यास मात्र नहीं है, बल्कि राष्ट्रों के बीच आपसी समझ, ज्ञान के आदान-प्रदान और विधायी पारदर्शिता की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह मंच हमारे अनुभवों को साझा करने, एक-दूसरे की विधायी प्रणालियों को समझने और अपने-अपने लोकतांत्रिक संस्थानों को सशक्त बनाने का माध्यम है। आज जब विभिन्न देशों के प्रतिभागी एक साथ आए हैं, तो यह वैश्विक सहयोग और साझेदारी का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारत के “वसुधैव कुटुम्बकम्” के शाश्वत दर्शन- दुनिया एक परिवार है, को और मजबूत करते हैं।
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