डॉ. बलजीत कौर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अनाथ और बेसहारा बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अनुसार कानूनी तरीके से पूरी की जाए, ताकि बच्चों को एक सुरक्षित, प्यार भरा और सम्मानजनक वातावरण मिल सके।