उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) द्वारा संचालित जलविद्युत परियोजनाओं में राज्य की मुफ्त बिजली हिस्सेदारी बढ़ाने का आग्रह किया, खासकर उन परियोजनाओं में जहां लागत पहले ही वसूल की जा चुकी है।