महोत्सव के यादगारी पलों को पर्यटक कर रहे मोबाइल कैमरों में कैद सुबह से सायं तक महोत्सव से सुनहरी यादें लेकर घर को लौट रहे है पर्यटक
महोत्सव के यादगारी पलों को पर्यटक कर रहे मोबाइल कैमरों में कैद सुबह से सायं तक महोत्सव से सुनहरी यादें लेकर घर को लौट रहे है पर्यटक
खबर खास, चंडीगढ़ :
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के तट पर पर्यटकों के मनोरंजन के लिए तरह-तरह के लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर कई ढोल-नगाड़े के साथ-साथ डेरू वाले संगीत ने पर्यटकों को नाचने पर मजबूर कर रहे है। गौरतलब है कि 15 नवंबर से ही शिल्प और सरस मेले की शुरुआत के साथ ही यह कलाकार महोत्सव में पहुंच गए थे और लगातार अपने-अपने राज्यों के लोक नृत्यों के माध्यम से पर्यटकों का मनोरंजन करने का काम कर रहे है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 5 दिसंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट और सरस मेले में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए और इस महोत्सव को भव्य स्वरूप देने के लिए कई तरह के लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाए जा रहे है। इस महोत्सव में जहां एक और हरियाणा और पंजाब की लोक संस्कृति देखने को मिल रही है, वहीं दूसरी ओर जम्मू एंड कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, दिल्ली, लद्दाख सहित कई राज्यों की अदभुत लोक संस्कृति देखने को मिल रही है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने वाले पर्यटक इन राज्यों की अदभुत और संगीतमय लोक संस्कृति को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए है।
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महोत्सव में इन लोक कलाकारों ने अपना जौहर और अपने-अपने राज्यों की लोक संस्कृति को ब्रह्मसरोवर के तट पर दिखाकर इस भव्य आयोजन को और भव्य बनाने का काम किया है। इन लोक कलाकारों ने इस महोत्सव में ऐसा रंग भर दिया है कि इनको देखने वाले पर्यटकों को नाचने पर मजबूर कर दिया है।
इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की गूंज यहां ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी सुनने को मिल रही है, दूर दराज से आने वाले पर्यटक जहां अपने राज्यों में जाने के बाद भी इस महोत्सव की जमकर प्रशंसा कर रहे है, वहीं इस महोत्सव के यादगारी पलों को अपने मोबाईल कैमरों में कैद करने का काम भी कर रहे है। यह पर्यटक इस महोत्सव का का सारा दिन खूब आनंद लेकर सुनहरी यादों के साथ अपने-अपने घरों को लौट रहे है।
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