नीदरलैंड और फ्रांस में नवीनतम बागवानी व पुष्पवर्ग तकनीकों का अवलोकन, गन्नौर में देश की सबसे बड़ी बागवानी मंडी के निर्माण को मिलेगी
नीदरलैंड और फ्रांस में नवीनतम बागवानी व पुष्पवर्ग तकनीकों का अवलोकन, गन्नौर में देश की सबसे बड़ी बागवानी मंडी के निर्माण को मिलेगी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा के नेतृत्व में विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय नीदरलैंड और प्रांस के के शैक्षणिक दौरे से लौट आया है। इसका उद्देश्य उन्नत कृषि पद्धतियों का अध्ययन करना, नवीनतम कृषि एवं बागवानी तकनीकों को समझना और अंतरराष्ट्रीय बाजार की प्रवृत्तियों को जानना था, ताकि हरियाणा के बागवानी क्षेत्र को और अधिक आधुनिक एवं प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल की यात्रा की शुरुआत 2 सितंबर को हुई, जिसमें पहला प्रमुख कार्यक्रम 3 सितंबर को नीदरलैंड के लेलिस्टैड शहर में आयोजित पोटैटो एक्सपो में भाग लेना था। मंत्री राणा ने डच आलू विशेषज्ञों से मुलाकात की और सटीक खेती तकनीकों, मशीनों रोग प्रतिरोधी आलू की किस्मों और निर्यात-उन्मुख रणनीतियों पर गहन चर्चा की। इन विचार-विमर्शों से प्राप्त जानकारी हरियाणा के आलू किसानों को अधिक कुशल और लाभदायक खेती अपनाने में मदद कर सकती है।
यात्रा की एक प्रमुख उपलब्धि 4 सितंबर को नीदरलैंड के आल्समेर स्थित रॉयल फ्लोरा हॉलैंड फ्लावर ऑक्शन सेंटर का दौरा रहा। रॉयल फ्लोरा हॉलैंड का संचालन कई भौतिक केंद्रों में फैला हुआ है, जिनमें सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध केंद्र आल्समेर में स्थित है, जो अकेले ही 128 एकड़ (5,18,000 वर्ग मीटर) से अधिक क्षत्रे में फैला हुआ है। यह दुनिया का सबसे बड़ा फूलों का नीलामी केंद्र है, जहाँ प्रतिदिन 2 करोड़ से अधिक फूल और पौधे व्यापार के लिए लाए जाते हैं। रॉयल फ्लोरा हॉलैंड एक सहकारी संस्था है, जिसे उत्पादक किसानों द्वारा संचालित किया जाता है। यहाँ प्रतिदिन लगभग 100 से 200 मिलियन यूरो का लेन-देन होता हैं। यह प्लेटफॉर्म 11,469 प्रकार के फूलों और 11,764 प्रकार के पौधों का व्यापार सुनिश्चित करता है, जिससे यह वैश्विक पुष्प उद्योग में अग्रणी बना हुआ है।
प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान डच क्लॉक ऑक्शन सिस्टम का भी अवलोकन किया, जिसमें कीमतें तेजी से घटती हैं और खरीदार उसी क्षण उत्पाद की खरीद कर लेते हैं। यह प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और प्रभावी व्यापार सुनिश्चित करती है। रॉयल फ्लोरा हॉलैंड के दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने टिकाऊ कृषि पद्धतियों में विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने जल पुनर्चक्रण प्रणालियों और ऊर्जा-कुशल ग्रीनहाउस का निरीक्षण किया, जहाँ हर साल लगभग 12 अरब फूलों का उत्पादन होता है। प्रतिनिधिमंडल ने फूलों की ताजगी को बनाए रखने वाली कोल्ड स्टोरेज इकाइयों का भी दौरा किया, जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात के लिए आवश्यक हैं। इसके पश्चात प्रतिनिधिमंडल ने एम्स्टर्डम स्थित ऐतिहासिक ‘हॉर्टस बायोटैक्नीकल गार्डन’ का दौरा किया। जहाँ उन्होंने दुर्लभ पौधों के संरक्षण और वनस्पति अनुसंधान के प्रयासों का अवलोकन किया।
नीदरलैंड के कार्यक्रमों के बाद 5 सितंबर को प्रतिनिधिमंडल यूरो रेल के माध्यम से एम्स्टर्डम सेंट्रल स्टेशन से पेरिस पहुँचा और वहाँ रुंजीस अंतरराष्ट्रीय बाजार का दौरा किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा थोक खाद्य बाजार है, जो पेरिस के बाहर लगभग 234 हेक्टेयर (580 एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए एक विशेष मंडप, जिसे पविलियन बायो कहा जाता है, बनाया गया है, जिसकी शुरुआत 2017 में हुई थी। इस मंडप में फल और सब्जियाँ, डेयरी उत्पाद, अंडे, पोल्ट्री, ऑर्गेनिक प्रमाणित मांस और समुद्री भोजन, साथ ही किराना और बेकरी के 32 उत्पाद उपलब्ध होते हैं।
रुंजीस मार्केट फ्रांस की जैविक आपूर्ति श्रृंखला (Organic Supply Chain) का केंद्र है, जहाँ से पेरिस और अन्य क्षेत्रों में आपूर्ति की जाती है। फ्रांस यूरोप के सबसे बड़े ऑर्गेनिक उत्पादक देशों में से एक है, जहाँ कुल कृषि भूमि का लगभग 6% (लगभग 28 लाख हेक्टेयर) ऑर्गेनिक खेती के अंतर्गत आता है और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस दौरान कृशि मंत्री राणा ने फ्रांसीसी व्यापारियों के साथ आपूर्ति श्रृंखला को अधिक प्रभावी बनाने और जैविक प्रमाणन प्रणाली पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हरियाणा में भी इस तरह की प्रणालियों को अपनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ाई जा सके और उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह दौरा अत्यंत सफल रहा और राज्य का कृषि विभाग विश्व के अग्रणी बागवानी एवं पुष्पवर्ग (फ्लोरीकल्चर) बाजारों में उपयोग की जा रही नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य सरकार सोनीपत के गन्नौर में देश की सबसे बड़ी बागवानी मंडी की स्थापना कर रही है। मंत्री राणा ने जानकारी दी कि अब तक 544 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹2,595 करोड़ है और अब तक लगभग 45 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यह अंतरराष्ट्रीय मंडी 50 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली होगी और सालाना 20 लाख टन उत्पाद संभालने की क्षमता रखेगी। इसमें 14,907 कारों और 3,305 ट्रकों व ट्रॉलियों की पार्किंग सुविधा होगी। इसके अलावा 17 मार्केटिंग और ट्रेडिंग शेड तथा 13 आधुनिक भवनों का निर्माण भी किया जाएगा।
मंत्री श्याम सिंह राणा ने इस अंतरराष्ट्रीय अनुभव को हरियाणा की कृषि प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आल्समेर में फूलों के नवाचार और रुंजीस में बाजार दक्षता से जो कुछ सीखा गया है, वह हरियाणा के किसानों को वैश्विक मानकों की ओर प्रेरित करेगा और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाऐगा।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
Comments 0