जब राजनीति में नैतिकता का संकट हो, तो पुराने पाप भुला दिए जाते हैं और नए सवाल उठाकर ध्यान भटकाया जाता है। कांग्रेस और प्रताप सिंह बाजवा द्वारा आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री कार्यालय पर हालिया हमलों को देखकर कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है।