'विपक्षी पार्टियों के नेता सीएम आवास पर कब्जा जमाने के लिए कई तरह की कोशिशें कर रहे हैं और कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।' यह कहना है सीएम भगवंत मान का। यहां युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
'विपक्षी पार्टियों के नेता सीएम आवास पर कब्जा जमाने के लिए कई तरह की कोशिशें कर रहे हैं और कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।' यह कहना है सीएम भगवंत मान का। यहां युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
कहा, रवनीत बिट्टू मुख्यमंत्री निवास पर समझते हैं अपना पैतृक अधिकार
आम आदमी की सरकार बनने के कारण जलने वाली विरोधी पार्टियों की आलोचना
खबर खास, चंडीगढ़ :
'विपक्षी पार्टियों के नेता सीएम आवास पर कब्जा जमाने के लिए कई तरह की कोशिशें कर रहे हैं और कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।' यह कहना है सीएम भगवंत मान का। यहां युवाओं को नियुक्ति पत्र देने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सीएम ने व्यंग्य किया कि विरोधी नेता मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर कब्जा करने के लिए लालायित हैं, जिसके लिए वे विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह घर पंजाब के साढ़े तीन करोड़ लोगों से संबंधित है और केवल लोगों द्वारा चुने गए व्यक्ति को ही उनकी सेवा करने और इस घर में रहने का सम्मान प्राप्त होता है। वास्तव में, पंजाब के लोग सत्ता के लालची ऐसे नेताओं को चुनावों में खारिज कर देते हैं क्योंकि इन नेताओं ने कभी भी लोगों की परवाह नहीं की।
एक उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का मानना है कि मुख्यमंत्री का सरकारी निवास उनकी पैतृक संपत्ति है क्योंकि यहां उनके दादा एक बार मुख्यमंत्री के रूप में रहे थे। उन्होंने कहा कि इन खारिज किए गए नेताओं को लोग कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे और मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर कब्जा करने के सपने देखने वालों की चालें किसी काम नहीं आएंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह लोगों का घर है और लोग अपने नेताओं को चुनकर यहां भेजते हैं, लेकिन लोग ऐसे नेताओं को कभी नहीं चुनेंगे, जिनका लोगों से कोई सरोकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पारंपरिक पार्टियां उनसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि वे एक साधारण परिवार से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक नेता मानते हैं कि उनके पास सत्ता में रहने का दैवीय अधिकार है, जिसके कारण उन्हें यह हजम नहीं हो रहा कि एक आम आदमी राज्य का शासन शानदार ढंग से कैसे चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने आज़ादी के बाद से लोगों को मूर्ख बनाकर बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा है, जिसके कारण लोगों ने इन्हें राजनीति से बाहर कर दिया। भगवंत मान ने कहा कि यह एक सच्चाई है कि ये कॉन्वेंट में पढ़े-लिखे राजनीतिक नेता राज्य की बुनियादी जमीनी हकीकतों से भी अनजान हैं।
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