राज्यपाल ने किया आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद के उद्घाटन सत्र का शुभारम्भ
राज्यपाल ने किया आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद के उद्घाटन सत्र का शुभारम्भ
खबर खास, शिमला :
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है और उनके सृजन की शक्ति ही भारत को विकसित राष्ट्र बना सकती है। राज्यपाल आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के विधिक अध्ययन संस्थान में आयोजित मॉडल यूनाइटेड नेशन्स और युवा संसद के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। यह कार्यक्रम विकसित भारत 2047 के अन्तर्गत भारतीय युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल युवाओं की बौद्धिक ऊर्जा को दिशा देता है, बल्कि विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में भी एक सशक्त कदम है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी न केवल वैश्विक और राष्ट्रीय मुद्दों पर विमर्श कर रहे हैं, बल्कि अपनी लोक-संस्कृति और परंपराओं को भी मंच पर सजीव कर रहे हैं। यह सांस्कृतिक चेतना ही हमारे लोकतंत्र की आत्मा है और यही भारत की पहचान भी है।
उन्होंने कहा कि आज देश-दुनिया में ‘जेन्ज़ी’ की चर्चा होती है। लेकिन, कुल्लू दशहरा में हिमाचल के यही ‘जेन्ज़ी’ भगवान रघुनाथ जी का रथ खींचकर अपनी संस्कृति को पोषित करता। यही फर्क इस देश को विश्व गुरू बनाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य नहीं बल्कि वर्तमान हैं। उन्होंने कहा कि ये विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि हैं। ये आगे बढ़ेंगे, तो हिमाचल की सादगी, ईमानदारी और मानवीयता को आगे लेकर जाएंगे। विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों में हुई हिंसक झड़पों पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने छात्र संगठनों से अपील की कि वे ‘वैचारिक लड़ाई’ लड़ें। विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने से कोई फायदा नहीं, बल की शक्ति वे देश के विकास में लगाएं।
शुक्ल ने कहा कि मॉडल यूनाइटेड नेशन्स एक ऐसा मंच है जो युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सोचने, बहस करने और समाधान खोजने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि आज परिवर्तन का युग है। विज्ञान, तकनीक और वैश्वीकरण ने दुनिया को जोड़ा है, परंतु इसके साथ नई चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, बेरोजगारी और सामाजिक असंतुलन। इन चुनौतियों के समाधान के लिए हमें केवल आलोचना नहीं, बल्कि रचनात्मक सोच और ठोस कार्यनीति की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि ऊर्जावान युवा इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर राष्ट्र के हित में सकारात्मक योगदान देंगे।
राज्यपाल ने युवाओं से विचारों की विविधता को अपनाने पर बल दिया तथा कहा कि यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि कानून में मिले अधिकारों के साथ हमें कर्तव्य पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों की जानकारी देते हुए अनेक ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि नियमों और कानून का पालन न करने का परिणाम है कि आज राजधानी क्षेत्र, पुराने वाला शिमला नहीं रहा।
राज्यपाल ने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गिनती विश्व के शीर्ष नेतृत्व में की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए ‘पंच संकल्प’ इस कार्यक्रम की भावना में स्पष्ट झलकते हैं। इन संकल्पों को आत्मसात करना ही सच्चे अर्थों में नया भारत निर्माण की दिशा में कदम है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने विचारों, आदर्शों और कर्मों से भारत को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के लिए एक नई पहल है, जो विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास को एक नई दिशा देगा।
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला के कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना, जो कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित थीं, ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक सुन्दर पहाड़ी राज्य है। लेकिन, यहां होने वाले विकास कार्य पर्यावरण की शर्त पर नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और मानवीय विकास के बीच बहुत संवेनशील अंतर है। इसे छेड़ंेगे तो परिणाम खातक हैं। उन्होंने सतत् विकास और आपदा जोखिम, मताधिकार और भारत के संविधान के तहत निर्वाचन आयोग की भूमिका इत्यादि विषयों पर कानून की दृष्टि से अपने विचार व्यक्त किए।
सह-कुलपति डॉ. राजिंदर वर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय विधि अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. शिव कुमार डोगरा ने राज्यपाल का स्वागत किया। विकसित भारत के नोडल अधिकारी प्रो. नितिन व्यास ने कार्यक्रम के विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। विश्वविद्यालय के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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