पंजाब के किसान नेता दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा कर केंद्र पर दबाव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जबकि दिल्ली-कटड़ा प्रोजेक्ट के लिए जमीन एक्वायर करने से नाराज किसानों ने प्रदेश सरककार को घेरना शुरू कर दिया है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के किसान नेता दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा कर केंद्र पर दबाव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जबकि दिल्ली-कटड़ा प्रोजेक्ट के लिए जमीन एक्वायर करने से नाराज किसानों ने प्रदेश सरककार को घेरना शुरू कर दिया है।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि छह दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। वे छोटे-छोटे जत्थों से दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे। इस बार ट्रैक्टरों पर किसान नहीं जाएंगे। इसके अतिरिक्त 26 नवंबर को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल मरण व्रत पर बैठेंगे।
पंधेर का कहना है कि समय बहुत कम बचा है। इसलिए सभी किसान नेताओं को ट्रैक्टरों से गांव-गांव जाकर जागरुक करना होगा। ताकि इसके लिए फंड इकट्ठा किया जा सके। ये एक बड़ा आंदोलन है और इसके लिए किसानों को एकजुट होना होगा।
सरवन सिंह पंधेर ने दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन एक्वायर करने के मसले पर भी राज्य सरकार को घेरा है। पंधेर का कहना है कि किसान जबरदस्ती कम मुआवजा देकर किसानों से उनकी जमीनें ले रही है। बीते दिनों बठिंडा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का भी उन्होंने विरोध किया।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर भी सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नियमों में बदलाव किए थे और कलेक्टर रेट कम किए थे। उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया कि किसानों से जमीन लेने के लिए उन्हें कलेक्टर नहीं, मार्किट वेल्यू पर मुआवजा देना होता है। लेकिन सरकार किसानों को गुमराह कर रही है।
पंधेर ने बताया कि किसान उनकी फसल पर एमएसपी एक्ट लाने की मांग कर रही है। ताकि किसानों की फसल सही दाम पर खरीदी जा सके। लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है। इसके साथ ही केंद्र उन तीन काले कानूनों को भी वापस लागू करना चाहती है, जो किसान कभी होने नहीं देंगे।
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