अपने पत्र में संत सीचेवाल ने लिखा कि उदासियों के दौरान श्री गुरु नानक देव जी सन् 1511 ईस्वी में इराक के शहर बगदाद गए थे। द्वितीय विश्व युद्ध और अमेरिका-इराक युद्ध के दौरान इस ऐतिहासिक स्थल को भारी नुकसान पहुँचा था।