पंजाब में शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मंजीठिया के खिलाफ जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। बीती देर रात पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय विजिलेंस कार्यालय में पेश हुए। उन्होंने जांच में सहयोग देने की बात कही थी। इस सिलसिले में ईडी के पूर्व डिप्टी डॉयरेक्टर निरंजन सिंह शनिवार दोपहर विजिलेंस विभाग के कार्यालय में पेश हुए हैं।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब में शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मंजीठिया के खिलाफ जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। बीती देर रात पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय विजिलेंस कार्यालय में पेश हुए। उन्होंने जांच में सहयोग देने की बात कही थी। इस सिलसिले में ईडी के पूर्व डिप्टी डॉयरेक्टर निरंजन सिंह शनिवार दोपहर विजिलेंस विभाग के कार्यालय में पेश हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो विजिलेंस को दी जानकारी में पूर्व डीजीपी ने विक्रम मजीठिया के ड्रग्स कारोबार और ड्रग मनी के बारे में विजिलेंस को अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मजीठिया की अमृतसर स्थित संदिग्ध प्रापर्टी के कागजात ग़ायब किए गए है। यह मजीठिया के रेवेन्यू मिनिस्ट कार्याकाल के दौरान हुआ था और कागज गायब होने में उसका हाथ था।
सूत्रों के मुताबिक मजीठिया ने ड्रग मनी को विदेश भेजा और वहाँ से साइप्रस और अन्य विदेशी कंपनियों के ज़रिये इस ड्रग मनी को अपने बिज़नेस में रुट किया। यह पैसा मजीठिया की सराया ग्रुप ऑफ कंपनीज में लगाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर सत्ता और पिंदी ने मजीठिया की शादी और इलेक्शन में अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी रैकेट का पैसा मनी लांडरिंग करके लगाया था। अब विजिलेंस पूर्व डीजीपी की ओर से दी गई जानकारी के बाद मजीठिया से पूछताछ करेगी। आज ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर भी विज़िलेंस टीम से मिलकर जानकारी देंगे।
उस समय भी पुलिस के पास मजीठिया के खिलाफ थे पुख्ता सुबूत : चट्टोपाध्याय
वहीं, विजिलेंस से बातचीत के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने 2021 में जब बिक्रम मजीठिया पर पर्चा दर्ज किया था। उस समय भी पुलिस के पास पुख्ता सबूत थे और इस समय भी सबूत है। उन्होंने कहा कि 2012 -13 में मजीठिया के खिलाफ सबूत थे। लेकिन तब अकाली दल-भाजपा की सरकार थी। उस समय मजीठिया मंत्री थे, ऐसे में कुछ नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि मजीठिया के ड्रग तस्करों से संबंध है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और नशा तस्करों पर नजर रखने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक एसआईटी बनाई थी। उन्होंने कहा कि हमारी एसआईटी ने तीन रिपोर्ट्स दी थी। जबकि एक रिपोर्ट उन्होंने अलग से भी दी थी, जो अब तक बंद है। उन्होंने कहा कि हर जगह कुछ लोग होते हैं, जो संस्था को बदनाम करते हैं। वहीं पुलिस में भी कुछ भेड़े हैं। जो कि लोगों को शोषण करते है।
उन्होंने बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रप्रीत का नाम लेकर कहा कि उसके खिलाफ 15 जांच चल रही थी, जबकि चार मामले थे। इसके बाद चार प्रमोशन दी गई। जबकि सिपाही रैंक के आदमी को प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बना दिया। उन्होंने दावा किया कि भगौड़े एआईजी राजजीत ने ड्रग से सब कुछ बनाया है।
चट्टोपाध्याय ने कहा कि एसआईटी के रूप में हमारी ड्यूटी हाईकोर्ट में रिपोर्ट देने की थी, एसआईटी का चालान पेश करना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी। हमारे पास कुछ ठोस सबूत आ गए थे। बाहर से भी पैसे आए थे। लिंक फेक शैल कंपनियों में पैसा घुमाया गया। यह अहम केस है।
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