इनमें तीन डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, दो असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट समेत विभिन्न जेलों से जुड़े कुल 25 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। सरकार को इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, लापरवाही और जेल के अंदर नशे के नेटवर्क को बढ़ावा देने की शिकायतें मिल रही थीं।