पंजाब विधानसभा के खास सत्र के चौथे और आखिरी दिन आज, मंगलवार को सीएम भगवंत मान की ओर से पेश किए गए धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर बिल पर बहस हुई। हालांकि इसे बहस के बाद भी पास नहीं किया गया और सीएम मान के प्रस्ताव पर सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया।
पंजाब विधानसभा के खास सत्र के चौथे और आखिरी दिन आज, मंगलवार को सीएम भगवंत मान की ओर से पेश किए गए धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर बिल पर बहस हुई। हालांकि इसे बहस के बाद भी पास नहीं किया गया और सीएम मान के प्रस्ताव पर सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब विधानसभा के खास सत्र के चौथे और आखिरी दिन आज, मंगलवार को सीएम भगवंत मान की ओर से पेश किए गए धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर बिल पर बहस हुई। हालांकि इसे बहस के बाद भी पास नहीं किया गया और सीएम मान के प्रस्ताव पर सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया।
अब सिलेक्ट कमेटी इस बिल पर काम करते हुए सभी धार्मिक संस्थाओं और लोगों से राय लेगी। इसके लिए छह महीने का समय तय किया गया है। इसके बाद इस बिल को दोबारा विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल में चारों धर्मों के ग्रंथों की बेअदबी करने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।
वहीं, बिल पर सीएम ने कहा कि इसे अपमान या बदनामी वाला बिल न कहा जाए। यह ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है।
इससे पहले बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि ऐसे बिल पर गहन अध्ययन की जरूरत होती है। इसमें ग्रंथ चोरी होने का जिक्र नहीं है। इसमें कहा गया है कि मामले की जांच डीएसपी स्त से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा, लेकिन इसके लिए जांच का 30 दिन का फिक्स टाइम होना चाहिए। उन्होंने कहा- अगर जांच पूरी नहीं होती है तो 15 दिन का टाइम बढ़ाने का अधिकार एसएसपी के स्तर पर होना चाहिए। इसके बाद जांच बढ़ाने के लिए डीएसपी को परमिशन देने का अधिकार होना चाहिए। अगर जांच गलत पाई जाती है तो अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। कोई धार्मिक प्रदर्शन सार्वजनिक होता है तो वहां पर गोली नहीं चलनी चाहिए।
वहीं, आप विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी ने गुरु के अलावा दूसरे धर्मों को भी सम्मान देना जरूरी है। आज अन्य धर्मों के ग्रंथों को पोथी कहा जा रहा है। क्या यह बेअदबी नहीं?
शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनप्रीत अयाली ने कहा- श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा अन्य धार्मिक ग्रंथ भी हैं, जिनका भी सम्मान और सत्कार किया जाना चाहिए। उनकी बेअदबी नहीं होनी चाहिए। यह कानून हम पास कर भेजेंगे, और वह संसद में भी पास होना चाहिए। इसके लिए सारी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए और साथ ही कानून पास करवाना चाहिए।
आप मंत्री अमन अरोड़ा की ओर से सरकार की उपलब्धियां बताईं। उन्होंने कहा कि बेअदबी की घटनाओं पर हमारी सरकार ने जांच की, मामला दर्ज हुआ और एसआईटी भी बनाई गईं। हमने बादलों (प्रकाश और सुखबीर सिंह बादल) को आरोपी बनाया। पिछली सरकारों में ऐसा नहीं किया। आप विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा ने कहा कि 1984 में दरबार साहिब पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार के तहत हमला कर बेअदबी की। उसका प्रभाव इतना पड़ा कि हमारे दो सिंहों ने प्रधानमंत्री की हत्या कर दी। इसके बाद दिल्ली में कत्लेआम हुआ। बेअदबी का प्रभाव देश पर पड़ता है।
भाजपा विधायक जंगी लाल महाजन ने कहा- देर आए, दुरुस्त आए। हम इस बिल का समर्थन करते हैं। हम सभी धर्मों का आदर करते हैं। सनातन धर्म में मूर्ति पूजा होती है, और प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसकी पूजा की जाती है। मेरा मानना है कि इसे भी बिल में शामिल किया जाना चाहिए।
निर्दलीय विधायक राणा इंद्र प्रताप सिंह ने कहा- मैं बिल का समर्थन करता हूं, लेकिन इसकी इंटरप्रेटेशन सही करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का ध्यान नहीं रखा गया है। "होली स्क्रिप्चर्स" शब्द का गलत उपयोग नहीं होना चाहिए।
बहस से पहले विधानसभा में अरदास की गई। बहस के लिए 2 घंटे का टाइम रखा गया था। इसमें कांग्रेस को 16 मिनट, AAP को 1 घंटा 35 मिनट, अकाली दल के लिए 3 मिनट, बीजेपी को 2, बसपा को 2 मिनट व निर्दलीय के लिए 2 मिनट का टाइम दिया गया। हालांकि, साढ़े 12 बजे समय पूरा होने के बाद भी बिल पर बहस जारी रही।
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