इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें "नशा मुक्त रंगला पंजाब" के निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना था।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें "नशा मुक्त रंगला पंजाब" के निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना था।
खबर खास, बठिंडा:
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा ने कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक विशेष संपर्क बैठक का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें "नशा मुक्त रंगला पंजाब" के निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना था।
यह आयोजन “युद्ध नशे दे विरुद्ध” अभियान के तहत आयोजित किया गया, जिसमें पुलिस अधिकारी, विश्वविद्यालय छात्र और शिक्षकगण एक साथ आए और सार्थक संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम का नेतृत्व विशेष डीजीपी आईपीएस डॉ. जतिंदर जैन ने किया। उनके साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हरजीत सिंह, आईपीएस, डीआईजी बठिंडा रेंज; अमनीत कोंडल, आईपीएस, एसएसपी बठिंडा; हीना गुप्ता, एसपी पीबीआई; और हरजीत सिंह मान, डीजीपी (ग्रामीण) उपस्थित रहे।
सत्र के दौरान पुलिस अधिकारियों ने विद्यार्थियों से संवाद किया और नशे की लत के गंभीर दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से सतर्क रहने, सोच-समझ कर निर्णय लेने और राज्य की नशा विरोधी पहलों का समर्थन करने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त, साइबर क्राइम सेल, पीएस बठिंडा के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन सुरक्षा और साइबर अपराध से बचाव के उपायों की जानकारी भी दी।
कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने अपने उद्बोधन में उपस्थित पुलिस अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे नकारात्मक प्रवृत्तियों से बचें और "नशे से ना कहें"। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन धार्मिक ग्रंथ एवं दस सिख गुरुओं के उपदेश हमें एक सरल, अनुशासित और धार्मिक जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे स्वयं नशे से दूर रहें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. किरण हजारिका ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम में एक इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का समापन "ड्रग्स को ना कहने की सामूहिक प्रतिज्ञा" के साथ हुआ, जिसके पश्चात प्रो. संजीव ठाकुर, डीन, छात्र कल्याण ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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