राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2025 के उपलक्ष्य में यमुनानगर से मछली संरक्षण एवं पुनर्वासन कार्यक्रम की शुरुआत की
राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2025 के उपलक्ष्य में यमुनानगर से मछली संरक्षण एवं पुनर्वासन कार्यक्रम की शुरुआत की
खबर खास, चंडीगढ़ :
मत्स्य विभाग हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस-2025 के उपलक्ष्य में मछली संरक्षण एवं पुनर्वासन कार्यक्रम का आयोजन यमुनानगर जिला के गांव बल्लेवाला में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन विभाग मंत्री श्याम सिंह राणा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मत्स्य पालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू विशिष्ट अतिथि थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मत्स्य विभाग के निदेशक श्रीपाल राठी ने की। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित थे।
मत्स्य मंत्री ने यमुनानगर जिला के गांव बल्लेवाला स्थित जलसागर में 2 लाख मछली का बीज संचित करने के बाद कहा कि इसी भांति हरियाणा के सभी जिलो में भी आगामी दिनों में मछली बीज संचित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विभाग द्वारा मछली पालकों को उन्नत किस्म का मछली बीज उपलब्ध करवाने हेतु राष्ट्रीय ताजा जल मछली ब्रूड बैंक, उड़ीसा से अमृत कतला, जयंती रोहू प्रजाति के ब्रूडरस लाकर उत्पादित मछली बीज मछली किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा तथा इन किस्मों की वृद्धि वर्तमान में पालन की जा रही प्रजातियों की तुलना में अधिक होती है जिससे किसानों की आय में तेजी से वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2024-25 के दौरान 58293 एकड़ जलक्षेत्र को मछली तथा झींगा पालन के अन्तर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान 2.32 लाख मीट्रिक टन मछली तथा झींगा का उत्पादन किया गया है तथा वर्ष 2024-25 के दौरान तालाबों में 150 करोड़ मछली बीज संचित किया गया है।
उन्होंने बताया कि विभाग का वर्ष 2014-15 का योजना बजट लगभग 6.99 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में लगभग 218.76 करोड़ रुपये किया गया। खारे पानी से प्रभावित 5900 एकड़ जलक्षेत्र को सफेद झींगा पालन के अधीन लाया गया है। वर्ष 2024-25 में 52392 एकड़ भूमि को मत्स्य पालन के अधीन लाया गया है। इसके साथ ही 16 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया गया है।
राणा ने कहा कि राज्य में तीन मोबाइल जल परीक्षण प्रयोगशाला वैन के माध्यम से किसानों को मिट्टी और जल परीक्षण की सुविधाएं उनके तालाब पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि खनन से हुए गड्ढों को उपयोग करके मछली पालन किया जाएगा। सरकार इसके लिए सब्सिडी भी देगी। मछली पालन से अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि 17 राज्य हैं जो समुद्र तट एरिया से बाहर है इनमें हरियाणा मछली पालन में दूसरे स्थान पर है, इसे पहले स्थान पर लाने की दिशा में हम काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मछली पालन देश की अर्थव्यवस्था को और किसान की दशा को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार मछली पालन को प्रोत्साहन देगी, मछली पालन के लिए जरूरी संसाधन सरकार उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश से 22 प्रकार के मछली के बीज लाकर आज गांव बल्लेवाला के तालाब में डाला गया है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग, सिंचाई विभाग व खनन विभाग की जिस जमीन में पानी भरा है उनमें मछली पालन की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 में सफेद झींगा उत्पादन की लागत कम करने के लिए सौर ऊर्जा स्थापना पर दी जाने वाली सब्सिडी की 10 किलोवाट की सीमा को बढ़ाकर 30 किलोवाट राज्य स्कीम गहन मत्स्य विकास कार्यक्रम के तहत शुरू कर दी गई है। सौर ऊर्जा स्थापित करने हेतु झींगा पालकों को 60 प्रतिशत की दर से अधिकतम धनराशि 9.00 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जायेगा।
मत्स्य मंत्री ने बताया कि गांव गरवा जिला भिवानी में खारे पानी में सफेद झींगा पालन को प्रोत्साहित करने हेतु एकीकृत एक्वा पार्क उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जायेगा, जिसका शिलान्यास जल्द ही कर दिया जायेगा। जिला सिरसा में भी भूमि लेकर उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जायेगी। जिला गुरुग्राम में राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एन.एफ.डी.बी.) का क्षेत्रीय केन्द्र विभागीय जमीन पर गांव सुल्तानपुर में 5 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जायेगा।
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