मुख्यमंत्री सैनी ने जीएसटी बचत उत्सव कार्यक्रम के माध्यम से गुरुग्राम में उद्यमियों से किया सीधा संवाद
जीएसटी सुधार से गरीब, मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी सहित हर वर्ग हो रहा लाभान्वित - मुख्यमंत्री
हरियाणा राज्य का एसजीएसटी संग्रह 18,910 करोड़ रुपये से बढ़कर हुआ 39,743 करोड़ रुपये
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए गत 22 सितंबर को जीएसटी सुधार लागू किए हैं। जीएसटी की इस नई प्रणाली से हरियाणा की जनता को लगभग चार हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा। ये सुधार आत्मनिर्भर भारत- आत्मनिर्भर हरियाणा बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।
मुख्यमंत्री रविवार को गुरुग्राम में आबकारी एवं कराधान विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित जीएसटी बचत उत्सव कार्यक्रम में उद्यमियों के साथ सीधा संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी उद्यमियों को नवरात्रों के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. में सुधार करने की घोषणा प्रधानमंत्री ने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की थी और मात्र एक महीने के भीतर वह घोषणा पूरी हो चुकी है। इससे पता चलता है कि जो मोदी जी की गारंटी है, वह अवश्य पूरी होती है। उन्होंने कहा कि दशकों तक देश की जनता अलग-अलग टैक्स के जाल में उलझी हुई थी। हमारे देश में दर्जनों टैक्स थे। इनसे देशवासियों और कंपनियों को कई परेशानियां होती थीं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश दर्जनों करों के जाल से मुक्त हुआ। एक राष्ट्र -एक कर का सपना साकार हुआ।
स्वदेशी अपनाने से बनेगा आत्मनिर्भर भारत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वदेशी का आह्वान किया है, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की है और अभी अपनी जापान यात्रा के दौरान मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड का विजन रखा है। उसे साकार करने में भी ये सुधार महत्वपूर्ण साबित होंगे। इनसे रोजमर्रा इस्तेमाल के उपभोक्ता सामान सस्ते हुए हैं। इसलिए मध्यम वर्ग की बचत बढ़ी है और आगामी त्योहारों के सीजन में खरीदारी से बाजार को बड़ा लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में कर आधार का विस्तार हुआ है और जी.एस.टी. संग्रह में वृद्धि हुई है। हरियाणा का नेट एस.जी.एस.टी. संग्रह 2018-19 के 18,910 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 39,743 करोड़ रुपये हो गया। यह 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने जी.एस.टी. परिषद द्वारा लिये गये प्रमुख निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि अब देश में जी.एस.टी. की सिर्फ दो ही मानक दरें रहेंगी। एक 5 प्रतिशत और दूसरी 18 प्रतिशत। इसके अलावा, अहितकारी वस्तुओं के लिए विशेष दर 40 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में, हरियाणा कुल सकल जी.एस.टी. संग्रह में देश के प्रमुख राज्यों में 5वें स्थान पर रहा।
उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली वस्तुओं पर जी.एस.टी. दरों को कम कर दिया गया है और कुछ पर इसे बिल्कुल समाप्त कर दिया गया है। लोगों पर टैक्स का बोझ और कम करने के लिए सेस को भी खत्म कर दिया गया है। पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है। जी.एस.टी. परिषद ने वर्तमान सुधारों में कृषि और किसान दोनों का ध्यान रखा है। फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोग होने वाले कृषि उपकरणों पर जी.एस.टी. दरें कम की गई हैं।
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