हिमाचल सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त एवं प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आरडी धीमान को रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। वहीं रिटायर्ड आईएएस अमित कश्यप को रेरा में सदस्य लगाया गया है।
हिमाचल सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त एवं प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आरडी धीमान को रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। वहीं रिटायर्ड आईएएस अमित कश्यप को रेरा में सदस्य लगाया गया है।
खबर खास, शिमला :
हिमाचल सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त एवं प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आरडी धीमान को रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। वहीं रिटायर्ड आईएएस अमित कश्यप को रेरा में सदस्य लगाया गया है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग देवेश कुमार ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
गौर रहे कि यह पद पूर्व चेयरमैन श्रीकांत बाल्दी के 31 दिसंबर 2024 को रिटायर होने के बाद से खाली चल रहा था। बाल्दी के रिटायर होने के बाद सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी देवेश कुमार को रेरा चेयरमैन का एडिशनल चार्ज सौंपा था।
सरकार ने रेरा चेयरमैन पद के लिए आवेदन मांगे थे। हालांकि मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना इस पद के प्रबल दावेदार थे। कयास लगाए जा रहे थे कि 31 मार्च को रिटायरमेंट के बाद उन्हें इस पद पर लगा दिया जाएगा। लेकिन राज्य के आग्रह पर केंद्रीय कार्मिक विभाग ने प्रबोध सक्सेना को छह माह का एक्सटेंशन दिया।
इसके बाद सुक्खू सरकार ने रेरा चेयरमैन की नियुक्ति के प्रोसेस को ठंडे बस्ते में डाल दिया और लगभग तीन महीने तक लटकाकर रखा। माना जा रहा था कि सक्सेना के छह महीने पूरा होने के बाद उन्हें ही इस पर पद ताजपोशी मिलेगी। लेकिन कुछ रोज पहले 20 जून को हिमाचल हाईकोर्ट ने रेरा चेयरमैन की नियुक्ति में देरी पर सख्त टिप्पणी की करते हुए राज्य सरकार को 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। अब जाकर सरकार ने रेरा चेयरमैन की नियुक्ति की है।
1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं आरडी धीमान
आरडी धीमान 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और प्रदेश के वरिष्ठत्म अधिकारियों में शुमार हैं। मूल रूप से ऊना के चिंतपूर्णी के रहने वाले धीमान प्रदेश के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत हुए थे। कोविड के दौरान उन्हें उस समय की जय राम सरकार के कार्यकाल के दौरान बेहरतीन काम के लिए भी याद किया जाता है। उन्होंने राज्य सरकार में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर 30 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी हैं। वह राजस्व, कृषि, वन और भाषा कला एवं संस्कृति के अतिरिक्त मुख्य सचिव; उद्योग, श्रम और रोजगार, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, उद्योग, शिक्षा, कृषि के प्रधान सचिव; एचपी राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और सदस्य (प्रशासन); एचपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्स देव कॉरपोरेशन, एचपी वित्तीय निगम, राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक; ग्रामीण विकास और पंचायती राज आदि के सचिव के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।
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