पंजाब सरकार ने अनाज की खरीद की निगरानी करने और राज्य में आने वाले सीज़नों में गेहूँ और धान की सुचारू और निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के लिए मंत्री समूह का गठन करके एक मिसाली पहल की है। मंत्री समूह ने आज पंजाब भवन चंडीगढ़ में अपनी पहली मीटिंग की।
पंजाब सरकार ने अनाज की खरीद की निगरानी करने और राज्य में आने वाले सीज़नों में गेहूँ और धान की सुचारू और निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के लिए मंत्री समूह का गठन करके एक मिसाली पहल की है। मंत्री समूह ने आज पंजाब भवन चंडीगढ़ में अपनी पहली मीटिंग की।
नये बने मंत्री समूह ने किसानों को धान के सुचारू खरीद सीजन का दिया भरोसा; कटाई से पहले मंडियां रहेंगी तैयार
लेबर, कारटेज और ट्रांसपोर्ट नीति को पहले ही दे दिया गया है अंतिम रूप
खरीद से पहले बना दी जायेगी धान की स्टोरेज के लिए अपेक्षित जगह
इस साल दिसंबर तक अतिरिक्त 40 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता उपलब्ध करवाई जायेगी
खबर खास, चंडीगढ़
धान की खरीद सीजन 2025 से 4 महीने पहले ही अपनी तैयारियाँ पूरी करते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अनाज की खरीद की निगरानी करने और राज्य में आने वाले सीज़नों में गेहूँ और धान की सुचारू और निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के लिए मंत्री समूह का गठन करके एक मिसाली पहल की है। मंत्री समूह ने आज पंजाब भवन चंडीगढ़ में अपनी पहली मीटिंग की।
ज़िक्रयोग्य है कि इस मंत्री समूह में कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां बतौर चेयरमैन और ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और जल संसाधन मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल मैंबर के तौर पर शामिल हैं।
प्रमुख सचिव ख़ाद्य और सिविल सप्लाई राहुल तिवारी ने 1 अक्तूबर 2025 से नवंबर के अर्ध तक चलने वाले खरीफ सीज़न के दौरान धान की सुचारू और निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के लिए की जा रही योजनाबंदी के बारे एक पेशकारी दी।
आगामी खरीफ सीजन के दौरान धान की खरीद के मद्देनज़र भंडारण सम्बन्धी अपेक्षित जगह उपलब्ध कराने के अहम मुद्दा संबंधी अवगत करवाते हुये मंत्री समूह को बताया गया कि इस सम्बन्ध में हर संभव यत्न किये जा रहे हैं और इस साल दिसंबर तक 40 लाख मीट्रिक टन जगह उपलब्ध करवा दी जायेगी। इसके इलावा अगले साल जून के अंत तक लगभग 82-83 लाख मीट्रिक टन जगह बना ली जायेगी।
कृषि मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मिल्लरों आढ़तियों और किसानों के सभी जायज़ मुद्दों का हल निकाला जायेगा और केंद्र सरकार/ एफ. सी. आई. के हस्तक्षेप की ज़रूरत वाले मुद्दों को उनके साथ बड़े स्तर पर उठाया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्टोरेज के लिए अपेक्षित जगह यकीनी बनाने के लिए हर संभव यत्न किये जा रहे हैं।
महत्वपूर्ण प्राप्ति का वर्णन करते हुये गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि 31 जुलाई तक कुल 117 एल. एम. टी. के लक्ष्य के साथ अब तक 100 एलएमटी से अधिक चावल डिलीवर किये गए हैं।
इस मौके पर लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि आने वाले खरीफ सीजन में लगभग 175- 180 लाख मीट्रिक टन धान की फ़सल मंडियों में आने की उम्मीद है और राज्य सरकार इसकी सही देखभाल के लिए सभी ज़रुरी प्रबंध कर रही है। अपेक्षित जगह की उपलब्धता का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि 46 एल. एम. टी. गोदामों के निर्माण के लिए प्रस्ताव उच्च स्तरीय समिति की तरफ केंद्र सरकार को भेजे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान निजी तौर पर इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठा रहे हैं।
किसानों को सिर्फ़ माहिरों द्वारा सिफ़ारिश किये बीजों का प्रयोग करने की अपील करते हुए श्री कटारूचक्क ने उनको नकली किस्मों के बीजों के प्रयोग से गुरेज़ करने के लिए कहा। उन्होंने दोहराया कि पंजाब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज का दाना- दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध है। इसके इलावा फसलों में नमी की मात्रा घटाने के लिए उन्होंने किसान भाईचारे को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही कम्बाईनों का प्रयोग करने की सलाह दी।
केंद्र सरकार को अनाज की निरंतर ढुलाई यकीनी बनाने के लिए अपील करते हुये स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि वह राज्य सरकार के गोदामों से करीब 12 एल. एम. टी. अनाज की ढुलाई यकीनी बनाई जाये तो नयी धान की फ़सल की स्टोरेज के लिए और जगह बनाई जा सके। उन्होंने संतोष जाहिर किया कि केंद्र की तरफ से राज्य की इस जायज़ माँग के प्रति सकारात्मक स्वीकृति आयेगी।
किसानों की मेहनत से बीजी गयी फ़सल का एक- एक दाना न्यूतनम समर्थन मूल्य पर ख़रीदने की राज्य सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुये श्री बरिन्दर गोयल ने कहा कि मंत्री समूह का गठन किसानों की बेहतरी और कृषि को और प्रफुल्लित करने के लिए किया गया है।
यह भी बताया गया कि ट्रांसपोरटेशन नीति के साथ साथ लेबर और कारटेज नीति को भी अंतिम रूप देने के उपरांत मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दिया गया है।
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