हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. रणबीर सिंह ठाकुर और डॉ. मनीष खांगटा को यूनाइटेड किंगडम सरकार (यू.के.) के पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क बौद्धिक संपदा कार्यालय के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक से "एनर्जी हार्वेस्टिंग स्मार्ट शूज़ इनसोल" नामक इन्टर्डिसप्लनेरी विषयक आविष्कार के लिए एक अंतरराष्ट्रीय डिज़ाइन पेटेंट प्रदान किया गया है।
खबर खास, शिमला :
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. रणबीर सिंह ठाकुर और डॉ. मनीष खांगटा को यूनाइटेड किंगडम सरकार (यू.के.) के पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क बौद्धिक संपदा कार्यालय के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक से "एनर्जी हार्वेस्टिंग स्मार्ट शूज़ इनसोल" नामक इन्टर्डिसप्लनेरी विषयक आविष्कार के लिए एक अंतरराष्ट्रीय डिज़ाइन पेटेंट प्रदान किया गया है।
यह डिज़ाइन पेटेंट महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के शोधकर्ताओं के साथ सहयोग का परिणाम है। "एनर्जी हार्वेस्टिंग स्मार्ट शूज़ इनसोल" का एक पूरी तरह से वर्किंग प्रोटोटाइप भी तैयार किया गया है, जो की पीज़ोइलेक्ट्रिक मैटेरियल के इस्तमाल से बना है और यह किसी भी प्रकार के जूतों के अंदर आराम से फिट हो जाता है । यह इनोवेटिव स्मार्ट शू इनसोल,चलने या दौड़ने से उत्पन्न काइनेटिक ऊर्जा को उपयोगी इलेक्ट्रिक ऊर्जा में बदल देता है और इसे एक इनबिल्ट बैटरी में संग्रहित करता है। इस स्मार्ट शू इनसोल का उद्देश्य बाहरी चार्जिंग की आवश्यकता के बिना मोबाइल फोन, फिटनेस ट्रैकर या अन्य स्मार्ट गैजेट जैसे उपकरणों को चार्ज करना है।
डॉ. रणबीर सिंह ठाकुर ने इससे पहले भी वर्ष 2021 और 2023 में " एम्प्लोयी बिहैवियर ट्रैकिंग चेयर" और "डिजिटल बिलबोर्ड" नामक आविष्कार के लिए डिज़ाइन पेटेंट प्राप्त किए थे। डॉ. रणबीर सिंह ठाकुर इन्टर्डिसप्लनेरी विषय सहकार्यता के समर्थक हैं और शिक्षा और उद्योग दोनों की उन्नति के लिए भविष्य की तकनीकों में नए अवसर तलाशते रहते हैं। इसके अलावा, उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कालीकट से सोलर पावर इंस्टॉलेशन का कोर्स भी किया है। उन्होंने प्रतिष्ठित पत्रिकाओं/संपादित पुस्तकों में 40 से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं और 60 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में भाग लिया है। उन्होंने विविध विषयों पर 4 पुस्तकें लिखी हैं और कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के लिए संपादक और समीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं।
डॉ. मनीष खांगटा एक कुशल शोधकर्ता हैं, जिनके पास जटिल वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए इन्टर्डिसप्लनेरी विषय अध्ययनों में एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि और अनुभव है। उन्होंने अब तक 28 शोध पत्र और 3 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों और सम्मेलनों में भी भाग लिया है। उन्होंने दुबई, सिंगापुर, शारजाह और मलेशिया जैसे देशों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह एवं कुलसचिव ज्ञान सागर नेगी ने उनकी उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी।
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